नई दिल्ली। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपनी पत्नी, सेकेंड लेडी उषा वेंस के साथ इस महीने के अंत में भारत की यात्रा पर आएंगे। यह उपराष्ट्रपति बनने के बाद वेंस का दूसरा अंतरराष्ट्रीय दौरा होगा। इससे पहले, वह फ्रांस और जर्मनी की यात्रा कर चुके हैं। उषा वेंस के माता-पिता भारतीय मूल के हैं, और उपराष्ट्रपति निवास में जाने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी।
भारत-अमेरिका संबंधों को मिलेगा नया विस्तार
भारत और अमेरिका के बीच हाल के वर्षों में व्यापार, रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत हुई है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। इससे पहले, पेरिस में वेंस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें अमेरिका द्वारा भारत के ऊर्जा क्षेत्र में स्वच्छ परमाणु प्रौद्योगिकी के समर्थन पर बात हुई थी।
उषा वेंस की यात्रा का हैं विशेष महत्व
21 जनवरी 2025 को जब जेडी वेंस ने अमेरिका के 50वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, तब उषा वेंस पहली भारतीय-अमेरिकी हिंदू सेकेंड लेडी बनीं। उनकी यह यात्रा न केवल राजनयिक बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी काफी अहम मानी जा रही है।
म्यूनिख में दिए गए वेंस के बयान ने बटोरीं सुर्खियां
उपराष्ट्रपति बनने के बाद वेंस ने पहली बार म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लिया था। वहां उन्होंने यूरोपीय सरकारों की नीतियों की आलोचना करते हुए अवैध आप्रवासन, धार्मिक स्वतंत्रता की अनदेखी और लोकतांत्रिक चुनावों में हस्तक्षेप जैसे मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया था। उनके इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा बटोरी थी।
पिछली मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेडी वेंस ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी। बैठक के बाद, पीएम मोदी ने वेंस के बेटे विवेक को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और उपहार भी भेंट किए। तीनों ने साथ में कॉफी पी और भारत-अमेरिका के संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की।
भारत और अमेरिका के बीच गहराते संबंधों के बीच वेंस की यह यात्रा दोनों देशों के रणनीतिक और कूटनीतिक रिश्तों को और मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।