संवाददाता, रांची: झारखण्ड राज्य सरकार की मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को वित्तीय सहायता देना और उनके इलाज के बाद पौष्टिक आहार की पूर्ति सुनिश्चित करना है। यदि रोगी वयस्क है, तो बीमारी के कारण उनकी आजीविका में हुए नुकसान की भरपाई के लिए अनुदान राशि दी जाएगी, वहीं अवयस्क रोगियों को बीमारी की अवधि और इलाज के बाद पौष्टिक आहार के लिए सहायता दी जाएगी।
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदकों को कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं। इसमें राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, बीमारी से संबंधित प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, और बैंक पासबुक की छाया प्रति अनिवार्य रूप से जमा करनी होगी। इच्छुक लाभार्थी अपना आवेदन प्रखंड कार्यालय या जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
इस योजना के तहत दी जाने वाली अनुदान राशि की सीमा तय की गई है। वयस्क मरीजों को न्यूनतम ₹3000 से अधिकतम ₹10000 तक की सहायता दी जाएगी, जबकि अवयस्क मरीजों को न्यूनतम ₹1500 से अधिकतम ₹5000 तक की अनुदान राशि मिलेगी। यह सहायता विशेष रूप से गंभीर बीमारियों, शल्य चिकित्सा, कोविड-19 संक्रमण और कैंसर से ग्रसित मरीजों को प्रदान की जाएगी।
यदि कोई वयस्क मरीज अस्पताल में 7 दिनों से कम भर्ती रहता है, तो उसे ₹3000 की सहायता मिलेगी, जबकि 7 दिनों से अधिक भर्ती रहने पर ₹5000 दिए जाएंगे। कोविड-19 से प्रभावित मरीजों के लिए घरेलू उपचार की स्थिति में ₹5000 और अस्पताल में भर्ती रहने पर ₹10000 की सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को ₹25000 की वित्तीय सहायता मिलेगी।
अवयस्क मरीजों के लिए भी सहायता राशि तय की गई है। यदि किसी भी बीमारी में 7 दिनों से कम का इलाज होता है, तो ₹1500 और 7 दिनों से अधिक इलाज की स्थिति में ₹2500 की अनुदान राशि मिलेगी। कोविड-19 से प्रभावित बच्चों को घरेलू इलाज की स्थिति में ₹2500 और अस्पताल में भर्ती होने पर ₹5000 दिए जाएंगे। वहीं, कैंसर से पीड़ित बच्चों को ₹15000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए बीमारी से संबंधित प्रमाण पत्र आवश्यक होगा, जिसे मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी-सह-सिविल सर्जन या प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए। यह योजना राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है।