डिजिटल, डेस्क। मिरर मीडिया: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रायपुर और भिलाई स्थित उनके आवासों पर छापेमारी की। सीबीआई की टीम ने बघेल के करीबी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और एक सहयोगी के ठिकानों पर भी कार्रवाई की। हालांकि, जांच एजेंसी ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि यह छापेमारी किस मामले से जुड़ी है।
महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले से जुड़ी हो सकती है छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई महादेव बैटिंग ऐप से जुड़ी हो सकती है। महादेव ऐप को ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए उपयोग किया जाता था और इससे जुड़े मामलों की जांच पहले से जारी है। छापेमारी की जानकारी मिलते ही भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा, “अब CBI भी आ गई। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाली AICC की बैठक के लिए मैं दिल्ली जाने वाला था, लेकिन उससे पहले ही सीबीआई मेरे रायपुर और भिलाई स्थित आवास पर पहुंच गई है।”
सीबीआई की कार्रवाई पर कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “इससे पहले ईडी (ED) को भेजा गया था, और अब सीबीआई (CBI) को भेजा गया है। यह सब भाजपा की राजनीति का हिस्सा है। जब वे भूपेश बघेल से राजनीतिक रूप से नहीं लड़ पा रहे हैं, तो इस तरह की एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
पहले भी हुई थी ईडी की छापेमारी
गौरतलब है कि मार्च में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित शराब घोटाले के मामले में भी बघेल के घर पर छापा मारा था। 10 मार्च को ईडी ने उनके बेटे के खिलाफ धनशोधन (Money Laundering) के तहत जांच करते हुए भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी की थी। इसके साथ ही उनके करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल समेत 13 अन्य ठिकानों पर भी छापे मारे गए थे।
शराब घोटाले से जुड़े हैं गंभीर आरोप
ईडी के मुताबिक, 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। एजेंसी का दावा है कि शराब सिंडिकेट के माध्यम से 2,100 करोड़ रुपये का गबन किया गया। इस घोटाले के तार राज्य में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के शासनकाल से जुड़े बताए जाते हैं।
बघेल बोले – भाजपा की हताशा का नतीजा
छापेमारी के दौरान खुद घर पर मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह कार्रवाई भाजपा की हताशा को दिखाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कांग्रेस को कमजोर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वहीं, भाजपा ने इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।