झारखंड में आयुष्मान योजना घोटाले को लेकर ईडी की बड़ी कार्रवाई: रांची समेत देशभर में 21 ठिकानों पर छापेमारी

KK Sagar
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रांची, 4 अप्रैल 2025
झारखंड की राजधानी रांची समेत पूरे राज्य और देश के अन्य हिस्सों में आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। आयुष्मान भारत योजना में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की टीम ने एक साथ कुल 21 लोकेशनों पर छापेमारी की।

ईडी की यह छापेमारी रांची के प्रमुख इलाकों — मोराबादी, बरियातू, पीपी कंपाउंड, चिरौंदी और लालपुर — में की गई। सुबह-सुबह ईडी की टीमें इन स्थानों पर पहुंचीं और पूरे इलाके को चारों ओर से घेर लिया। सुरक्षा के लिहाज से केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई थी और किसी को भी अंदर या बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई।

घोटाले की जड़ में “आयुष्मान भारत योजना”

प्रवर्तन निदेशालय को जानकारी मिली थी कि झारखंड में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी मरीजों के नाम पर इलाज का दावा किया गया और उसका पैसा निकाल कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई। इस पूरे मामले की जांच के लिए ईडी ने PM-LA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत केस दर्ज किया है।

सूत्रों के अनुसार, झारखंड में 750 से ज्यादा अस्पताल इस योजना से जुड़े हुए हैं, जिनमें से कुछ अस्पतालों द्वारा फर्जी मरीजों का इलाज दिखाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया। मरीजों को असल में अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया, लेकिन इलाज का पैसा केंद्र सरकार की इस योजना के तहत निकाल लिया गया।

एमडी इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस ऑफिस पर भी कार्रवाई

इस मामले में ईडी की टीम ने रांची के पीपी कंपाउंड स्थित तौरूश टावर में स्थित MD INDIA HEALTH INSURANCE कंपनी के ब्रांच ऑफिस पर भी छापा मारा। यहां कंपनी द्वारा आयुष्मान योजना के तहत बिलिंग और क्लेम प्रोसेसिंग से जुड़ी गतिविधियों की जांच की जा रही है। अधिकारी दस्तावेजों की गहनता से जांच-पड़ताल कर रहे हैं।

देशभर में फैली जांच की जद

ईडी की यह कार्रवाई सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं रही। रांची के अलावा पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी एक साथ छापेमारी की गई। इस घोटाले में शामिल नेटवर्क और फर्जीवाड़े की जड़ों को तलाशने के लिए जांच एजेंसी ने यह कदम उठाया।

नौ अस्पतालों के खिलाफ खुलासे, और बढ़ सकती है जांच

अब तक की जांच में नौ अस्पतालों के नाम सामने आए हैं जो इस फर्जीवाड़े में संलिप्त पाए गए हैं। ईडी को इस रेड के जरिए कई अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिलने की उम्मीद है, जिससे आगे जांच का दायरा और भी बढ़ सकता है। हालांकि, अभी तक ईडी की ओर से किसी भी अधिकारी ने औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।

ईडी की यह कार्रवाई गोपनीय तरीके से की जा रही है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में और भी बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह देश के सबसे बड़े हेल्थ स्कैम्स में से एक बन सकता है।

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