वक्फ विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी कांग्रेस, जयराम रमेश बोले- संविधान पर हमलों का विरोध जारी रखेंगे

KK Sagar
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काफी शोर-शराबे और विरोध के बाद भी वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा में पास हो गया। अब बस राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बिल कानून बन जाएगा। हालांकि, अब भी वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध जारी है। कांग्रेस वक्फ संशोधन विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। कांग्रेस पार्टी वक्फ संशोधन बिल की ‘संवैधानिकता’ को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कांग्रेस सांसद और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने इसका ऐलान किया है।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि कांग्रेस बहुत जल्द ही वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कांग्रेस पहले से ही कई कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रही है। इनमें सीएए 2019, आरटीआई एक्ट 2005 में संशोधन और चुनाव नियमों में संशोधन शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी पूजा स्थल अधिनियम-1991 को बरकरार रखने के लिए अदालत में हस्तक्षेप कर रही है। कांग्रेस के सीएए-2019 को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। साथ ही आरटीआई अधिनियम, 2005 में 2019 के संशोधनों को चुनौती देने के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

संविधान पर हमलों का विरोध जारी रखेंगे-जयराम रमेश

जयराम रमेश ने कहा, हमें पूरा भरोसा है और हम भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रथाओं पर मोदी सरकार के सभी हमलों का विरोध करना जारी रखेंगे। राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों की ओर से कड़ी आपत्तियां देखी गईं, जिन्होंने विधेयक को “मुस्लिम विरोधी” और “मुस्लिम विरोधी” करार दिया।

स्टालिन ने भी कोर्ट जाने की दी चेतावनी

इससे पहले वक्फ विधेयक को लेकर स्टालिन ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का एलान कर दिया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने गुरुवार को कहा था कि उनकी पार्टी इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाएगी। लोकसभा से विधेयक पारित होने के विरोध में स्टालिन विधानसभा में काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत में बड़ी संख्या में दलों के विरोध के बावजूद कुछ सहयोगियों के इशारे पर रात दो बजे संशोधन को अपनाना संविधान की संरचना पर हमला है।

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