डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: धनबाद में गुरुवार को हुई बेमौसम बारिश ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की लापरवाही की पोल खोल दी। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी, इसके बावजूद बरमसिया रेलवे साइडिंग में खुले में अनाज उतारा गया, लेकिन उसे सुरक्षित रखने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई। नतीजा यह रहा कि खुले आसमान के नीचे रखे गए सैकड़ों चावल के बोरे भीग गए।
रेलवे यार्ड में बारिश के दौरान मची अफरा-तफरी
बरमसिया स्थित एफसीआई गोदाम के सामने रेलवे यार्ड में गुरुवार को दो मालगाड़ियों से चावल की बोरियां उतारी जा रही थीं। देर शाम तक यह बोरियां यार्ड में ही पड़ी रहीं। इसी बीच मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के साथ मूसलधार बारिश शुरू हो गई। जब तक कर्मचारी कुछ समझ पाते, तब तक बोरियां भीग चुकी थीं और यार्ड में पानी भर गया। अचानक हुई बारिश से अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
तिरपाल भी नहीं बन सकी बचाव की ढाल
एफसीआई के सहायक जनरल टू मायूस भारद्वाज ने बताया कि बारिश होते ही कर्मचारियों ने बोरियों को तिरपाल से ढकने की कोशिश की, लेकिन तेज हवा के कारण तिरपाल उड़ते रहे और बोरियां भीग गईं। हालांकि उन्होंने यह दावा किया कि लगभग 50 से 60 बोरे ही प्रभावित हुए हैं। ये कच्चे चावल की बोरियां थीं जिन्हें वितरण से पहले प्रोसेस किया जाता है।
केवल एक रैक उतारा गया, बड़ा नुकसान टला
भारद्वाज ने बताया कि मौसम की चेतावनी को देखते हुए एहतियातन केवल एक रैक से चावल उतारा जा रहा था, जिससे बड़ा नुकसान टल गया। बावजूद इसके सवाल उठता है कि जब मौसम विभाग पहले ही चेतावनी दे चुका था, तब सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
रेलवे पर टली जिम्मेदारी, शेड निर्माण अब तक अधर में
एफसीआई अधिकारी ने बताया कि बरमसिया यार्ड रेलवे के अधीन है और शेड निर्माण की जिम्मेदारी रेलवे की है। उन्होंने कहा कि यार्ड को स्थानांतरित करने की योजना पर काम चल रहा है और शेड निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया भी विचाराधीन है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी जोनल अधिकारियों से मिल सकती है।
लापरवाही पर उठे सवाल
धनबाद की इस बेमौसम बारिश ने जहां आमजन को गर्मी से राहत दी, वहीं एफसीआई की अनदेखी के कारण अनाज का नुकसान और प्रबंधन की लापरवाही कई सवाल खड़े कर गई। सवाल यह है कि क्या अगली बार भी इसी तरह सरकारी अनाज बारिश में भीगता रहेगा?