देश में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर जबरदस्त राजनीतिक घमासान छिड़ा हुआ है। संसद के दोनों सदनों से पारित और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त इस कानून पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। कई मुस्लिम संगठन और विपक्षी दल इसे असंवैधानिक बताते हुए अदालत की शरण में पहुंच चुके हैं।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कानून का पक्ष लेते हुए कहा है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट विधायिका के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके बयान से सीएम पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार सवालों के घेरे में है।
विरोध की लपटें
पश्चिम बंगाल के भांगर में वक्फ संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गया। आईएसएफ समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में कई लोग घायल हुए, पुलिस वाहन जले और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ। वहीं, वाम मोर्चा ने विरोध को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की है, साथ ही अधिनियम को असंवैधानिक करार दिया।
राजनीतिक चुनौती
वाईएसआर कांग्रेस, भाकपा और अन्य दलों ने इस अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाओं में इसे “गंभीर संवैधानिक उल्लंघन” बताते हुए मुस्लिम समुदाय की चिंताओं की अनदेखी का आरोप लगाया गया है।
अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट की उस सुनवाई पर टिकी है, जो यह तय करेगी कि यह कानून लोकतंत्र की कसौटी पर खरा उतरता है या नहीं।

