प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई होगी। ईडी के इस एक्शन सवाल उठ रहे हैं कि क्या सोनिया और राहुल गांधी की गिरफ्तारी होगी? इससे पहले आइए जान लेते हैं कि ये मामला कैसे प्रकाश में आया किसकी शिकायत पर मामला आगे बढ़ा और आरोप क्या हैं?
नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था।
आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) का अवैध अधिग्रहण कर लिया। स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।
2000 करोड़ की कंपनी को केवल 50 लाख में खरीदने का आरोप
साल 2010 में यंग इंडियन नाम से एक और कंपनी बनाई गई। जिसका 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी (38-38 फीसदी) के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था। कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। इसी को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है। स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।
2014 में ईडी ने दर्ज किया था मनी लॉन्ड्रिंग का केस
जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। अगस्त 2014 में ईडी ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। केस दर्ज होने के बाद अगले साल 19 दिसंबर 2015 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नियमित जमानत दी। इसके अगले साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से इनकार कर दिया। राहत की बात यह रही कि कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान कर दी। इस फैसले के दो साल बाद 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी की आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी।
ईडी के चार्जशीट ने बढ़ाई गांधी परिवार की मुश्किल
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा कि आयकर की जांच चलती रहेगी। अब इसी नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है।