झारखंड के निरसा प्रखंड स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल, मुग्मा एक बार फिर विवादों में आ गया है। निजी विद्यालयों में मनमानी शुल्क वृद्धि और स्कूल परिसर में किताब-कॉपी की बिक्री के खिलाफ अभिभावकों की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए स्कूल को नोटिस जारी किया है।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बिना जिला स्तरीय शुल्क समिति की बैठक और अनुमति के किसी भी प्रकार की शुल्क वृद्धि अवैध मानी जाएगी। इसके बावजूद डीएवी मुग्मा ने मनमाने तरीके से शुल्कों में बढ़ोतरी कर दी थी और स्कूल परिसर में किताबों की बिक्री भी जारी रखी थी।
इस मामले को लेकर डीएवी मुग्मा में अभिभावकों का आंदोलन भी जारी रहा। झारखंड अभिभावक महासंघ के महासचिव और अध्यक्ष ने बताया कि डीएवी स्कूल लगातार शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन कर रहा था, जिसके खिलाफ अभिभावक लामबंद हुए और अंततः विभाग को हस्तक्षेप करना पड़ा।
जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) आयुष कुमार ने बताया कि पूर्व में भी सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया था कि शुल्क वृद्धि और किताबों की बिक्री पर रोक लगाई जाए। लेकिन डीएवी मुग्मा द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया, जिस कारण अब फिर से नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।
प्राप्त शिकायतों और जांच के आधार पर जारी नोटिस में कहा गया है कि बच्चों का पुनः नामांकन और एक माह का मासिक शुल्क जमा किए बिना किताबें उपलब्ध नहीं कराई जा रही थीं, जो झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 का उल्लंघन है। साथ ही, विद्यालय द्वारा लगातार तीन वर्षों से मनमानी शुल्क वृद्धि भी नियमों के विरुद्ध पाई गई है।
नोटिस में विद्यालय प्रशासन को तत्काल बच्चों को किताबें उपलब्ध कराने तथा शुल्क वृद्धि एवं किताब बिक्री मामले में झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण द्वारा गठित जिला स्तरीय समिति के निर्णय का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
अब देखना होगा कि डीएवी पब्लिक स्कूल, मुग्मा इस नोटिस के बाद क्या कदम उठाता है और शिक्षा विभाग द्वारा अगली कार्रवाई किस प्रकार की जाती है।