
देश की राजधानी दिल्ली का पारा इन दिनों हाई है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली के 7, लोक लक्ष्य मार्ग स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी के आधिकारिक आवास पर भागवत का यूं पहुंचना काफी अहम माना जा रहा है।
भागवत का यूं पीएम आवास पहुंचना बेहद असामान्य
2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था, जब संघ प्रमुख पीएम के सरकारी आवास पहुंचे थे। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इसे बेहद असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस प्रमुख शायद ही कभी राजनीतिक नेताओं से उनके आवास पर मिलने जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मोहन भागवत की पीएम मोदी से यह मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट थी?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुलाकात
यह मुलाकात पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद हुई है। उस आतंकी घटना से देश भर में गुस्सा है। मुलाकात से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत ने इस घटना पर संघ परिवार की गहरी पीड़ा और हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से और असुरक्षा की भावना से अवगत कराया। उन्होंने आतंकी हमले का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों के प्रति संघ का समर्थन भी दिया।
जनता की भावनाओं को जिम्मेदारी से संभाला जाए
एक वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, जमीन पर माहौल बहुत तनावपूर्ण है। हिंदू समुदाय दुखी और गुस्से में है। संघ का मानना है कि इस समय सरकार के साथ खड़ा होना जरूरी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जनता की भावनाओं को समझा जाए और उसे जिम्मेदारी के साथ संभाला जाए। यह एक आपातकालीन स्थिति है, और इसलिए भागवत जी ने स्वयं प्रधानमंत्री से मुलाकात की।
बीजेपी संगठनात्मक चुनावों के लिहाज से मुलाकात खास
पीएम मोदी और भागवत के बीच मुलाकात को बीजेपी के संगठनात्मक चुनावों के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पहले आम सहमति न बन पाने और फिर पहलगाम हमले के चलते बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव टल गया था।