ऑपरेशन सिंदूर के भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुई युद्ध जैसी स्थिति पर अब लगाम लग गया है। भारत और पाकिस्तान ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है। इस बीच राजनीतिक दलों की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। सीजफायर के ऐलान से पहले तक कांग्रेस लगातार सरकार के साथ खड़े होने की बात कहती रही है। लेकिन अमेरिका की मदद से सीजफायर के ऐलान के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है।कांग्रेस ने इस मसले पर विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है। वहीं, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने रविवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की।

कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने लंबे पोस्ट में कहा, “कांग्रेस प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक की मांग करती है। साथ में पार्टी पहलगाम आतंकी हमला, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीजफायर को लेकर पहले वाशिंगटन डीसी फिर उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों की ओर से की गई युद्ध विराम घोषणाओं पर पूर्ण चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग भी दोहराती है।”
जयराम रमेश ने की सवालों की बौछार
जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में आगे कहा, कांग्रेस का यह भी मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर से किसी “तटस्थ स्थल” का जिक्र करना कई सवाल खड़े करता है। क्या अब हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने अब तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं? जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच डिप्लोमैटिक चैनल फिर से खोले जा रहे हैं? हमने किस तरह की प्रतिबद्धताएं मांगी हैं और हमें क्या हासिल हुआ है?
सभी दल तभी शामिल हों जब पीएम इसमें भाग लें- सिब्बल
वहीं, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिब्बल ने सैन्य शत्रुता रोकने के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र किया जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें गर्व है कि अमेरिका इस “ऐतिहासिक और वीरतापूर्ण निर्णय” तक पहुंचने में मदद करने में सक्षम था।
सिब्बल ने कहा, इस ट्वीट पर भी कई सवाल उठेंगे। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि पिछले 48 घंटों से बातचीत चल रही थी। तो क्या हुआ, कैसे हुआ और क्यों हुआ, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि तटस्थ स्थान पर बैठक होगी। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी एनएसए अजीत डोवाल से बात की है।
सिब्बल ने कहा, हम आज कोई आलोचना नहीं करेंगे क्योंकि यह आलोचना का समय नहीं है। हम केवल एक विशेष संसद सत्र और एक सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहते हैं। मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करना चाहता हूं कि वे तब तक बैठक में शामिल न हों जब तक सरकार उन्हें आश्वासन नहीं देती कि प्रधानमंत्री भी बैठक में मौजूद रहेंगे।