जमुई जिले के अलीगंज पंचायत स्थित सोनखार ग्राम में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने अपने गाँव की प्रमुख समस्याओं को उठाया। सोनखार की सुमित्रा देवी ने कहा कि गाँव में आंगनवाड़ी केंद्र नहीं है, जिससे बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित करने की मांग की।
बेलाटार की कांती देवी ने कहा कि उनके गाँव में नाला नहीं बना है और नल तो लगे हैं लेकिन उनमें पानी नहीं आता। इसी प्रकार अन्य महिलाओं ने भी सामूहिक रूप से अपनी समस्याएं और माँगें रखीं।
महिलाओं ने बताया कि अलीगंज पंचायत के सोनखार ग्राम के वार्ड संख्या 1, 2, और 3 में हर घर में नल तो लगाया गया है, परंतु उसमें पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। उन्होंने नल-जल योजना को शीघ्र चालू करने की माँग की, साथ ही यह भी कहा कि सरकार को गंगा नदी के पानी को पाइप के माध्यम से जमुई के डैम में संग्रहित कराना चाहिए, जिससे जलस्तर बना रहे और लोगों को पीने के पानी की समस्या न हो।
महिलाओं ने गाँव में एक सिलाई सेंटर खोलने की भी माँग की, जिससे वे प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बन सकें।
ज्ञात हो कि जिले के सभी प्रखंडों में 18 अप्रैल से महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन 22 गाँवों में हो रहे इन कार्यक्रमों से अब तक 5,000 से अधिक महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा चुकी है। रविवार 11 मई तक कुल 517 ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है।
दो घंटे चलने वाले इस कार्यक्रम में महिलाओं को 45 मिनट की वीडियो फिल्म दिखाई जाती है, जिसमें जीविका, सतत जीविकोपार्जन योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, कस्तूरबा गांधी बालिका योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, अक्षर आंचल योजना, महिला आरक्षण, नशामुक्ति अभियान, लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, शौचालय निर्माण, महिला उद्यमी योजना और सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि जैसी योजनाओं की जानकारी दी जाती है।
कार्यक्रम में लाभान्वित महिलाओं द्वारा अपने अनुभव साझा किए जाते हैं और अंत में महिलाएं अपने गाँव-टोलों की समस्याएं और अपेक्षाएं साझा करती हैं। इन समस्याओं को संबंधित कर्मियों द्वारा संकलित कर मोबाइल ऐप पर अपलोड किया जाता है। इसके साथ ही कार्यक्रम में सूचनात्मक लीफलेट और मुख्यमंत्री का संदेश पत्र भी महिलाओं को वितरित किया जाता है ताकि अधिक से अधिक महिलाएं योजनाओं के प्रति जागरूक हो सकें।

