मणिद्वीप अकादमी, जमुई द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) 2009 के अंतर्गत अध्ययनरत बच्चों के कक्षा प्रवेश और परीक्षा में बैठने पर रोक लगाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस कदम पर बिहार अभिभावक महासंघ, जमुई इकाई ने कड़ा ऐतराज जताया है और इसे कानूनन अवैध करार देते हुए कार्रवाई की मांग की है।
महासंघ ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा अभियान), जमुई को पत्र भेजते हुए बताया कि मणिद्वीप अकादमी द्वारा तीसरी से सातवीं कक्षा तक के बच्चों को यह कहकर नामांकन से वंचित किया गया कि उनके आय प्रमाण पत्र “1 लाख से अधिक” या “गलत” हैं। विद्यालय प्रबंधन ने बीपीएल कोटा के अंतर्गत नामांकित इन बच्चों को RTE के तहत प्रवेश देने से इनकार कर दिया, जिससे दर्जनों बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है।
महासंघ ने इस कार्रवाई को न केवल मनमाना और असंवेदनशील बताया, बल्कि यह भी कहा कि यह बिहार शिक्षा नियमावली 2011 की धारा 7(i) का सीधा उल्लंघन है, जिसके अनुसार किसी भी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी छात्र को उसकी प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने से पहले कक्षा में प्रवेश या परीक्षा में शामिल होने से रोके।
महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यह कदम न सिर्फ कानून के विरुद्ध है, बल्कि उन गरीब एवं वंचित परिवारों के भविष्य के साथ अन्याय भी है, जिन्हें सरकार ने मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का संवैधानिक अधिकार प्रदान किया है।
इस मुद्दे को लेकर महासंघ ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वे त्वरित हस्तक्षेप करते हुए विद्यालय प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश जारी करें, ताकि प्रभावित बच्चों — आनंद राम, रूपा कुमारी, अंश कुमार, निशा कुमारी, कुमार आर्या, अंकुश कुमार, आयुष कुमार और सनोज कुमार — सहित सभी पात्र विद्यार्थियों को तत्काल विद्यालय में प्रवेश और परीक्षा की अनुमति दी जाए।