सीवान, बिहार – देश की रक्षा करते हुए एक और वीर सपूत ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सेना के जवान रामबाबू प्रसाद अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 का संचालन करते समय गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। इस हृदयविदारक खबर से न सिर्फ उनका गांव बल्कि पूरे सीवान जिले में शोक की लहर फैल गई है।
चार माह की गर्भवती पत्नी, चार महीने पहले ही हुआ था विवाह
शहीद रामबाबू की शादी पिछले वर्ष 14 दिसंबर 2024 को अंजली शर्मा से हुई थी, जो एयर इंडिया में कार्यरत हैं और इस समय चार माह की गर्भवती हैं। उनके ससुर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि सोमवार को दोपहर 11 बजे तक दोनों के बीच बातचीत हुई थी, जिसके बाद अचानक यह दुखद समाचार मिला। अंजली को शुरुआत में केवल घायल होने की सूचना दी गई और मंगलवार सुबह उन्हें धनबाद स्थित मायके से गांव लाया गया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
रामबाबू दो भाइयों में छोटे थे और स्नातक तक शिक्षित थे। बड़े भाई अखिलेश सिंह झारखंड के हजारीबाग में लोकोपायलट के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता रामविचार प्रसाद, जो गांव के पूर्व उपमुखिया थे, का निधन दो साल पहले ही हो चुका है। मां की तबीयत पहले से ही खराब है, इसलिए उन्हें अभी तक यह समाचार नहीं बताया गया है।
अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
शहीद की शहादत की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय प्रशासन सक्रिय हो गया। अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार और एसडीपीओ अजय सिंह ने शहीद के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। गांव में शहीद के अंतिम दर्शन की तैयारी जोरों पर है। बुधवार दोपहर तीन से चार बजे तक शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने की संभावना है। शोक में डूबे गांव में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है।