9 बजते ही पारा 34 पार, स्कूलों में बच्चों का हाल बेहाल : बिहार अभिभावक महासंघ ने अपर मुख्य सचिव से की अविलंब गर्मी छुट्टी की मांग, देखें वीडियो…..

KK Sagar
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स्कूल जाते छात्रा


बिहार में पड़ रही लगातार भीषण गर्मी ने अब विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। सुबह 9 बजे ही तापमान 34 डिग्री सेल्सियस पार कर जा रहा है, जो 11 बजे तक 38 डिग्री तक पहुँच जाता है। इस खतरनाक गर्मी के बीच स्कूलों में बच्चों का कक्षा में बैठना मुश्किल हो गया है।

बच्चों ने बताया गर्मी में हाल है बेहाल

इस स्थिति को लेकर बिहार अभिभावक महासंघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों, प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों और कोचिंग संस्थानों में तत्काल गर्मी की छुट्टी घोषित करने की माँग की है। महासंघ ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 का हवाला देते हुए कहा है कि किसी अप्रिय घटना से पहले ही राज्य सरकार को सतर्क होकर कार्रवाई करनी चाहिए।

बिजली गायब, तपती कक्षाएँ

जमुई जिले के प्लस-2 विद्यालय की छात्राओं ने बताया कि “भीषण गर्मी तो है ही, ऊपर से कई-कई घंटे से बिजली भी नहीं रहती। पंखे बंद होते हैं और हमें कक्षा में बैठना बहुत कठिन हो जाता है। पसीने से तरबतर हो जाते हैं, जिससे पढ़ाई पर ध्यान नहीं लग पाता।” छात्राओं ने यह भी कहा कि सरकार को बिना देर किए गर्मी की छुट्टी की घोषणा कर देनी चाहिए।

शिक्षकों ने भी जताई चिंता

स्कूल के कुछ शिक्षकों ने भी बच्चों की स्थिति पर चिंता जताई है। एक शिक्षक ने बताया, “अत्यधिक गर्मी में बच्चे बेचैन हो जाते हैं। अगर बिजली रहती है तो थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन बिजली गुल हो तो बच्चे पसीने से भीगते रहते हैं और कुछ भी समझ नहीं पाते।”

अभिभावकों का कहना है

अभिभावकों ने जताई चिंता

वहीं एक अभिभावक ने बताया, “प्रचंड गर्मी में लू भी बेहिसाब चल रही है। 9 बजते ही पारा हाई हो जा रहा है। ऐसे में हमेशा बच्चों को लेकर टेंशन बना रहता है। स्कूल छोड़ने और लाने ले जाने में भी बहुत परेशानी हो रही है। हर समय लू लगने का डर बना रहता है।” उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तुरंत अवकाश घोषित किया जाए।

समय में बदलाव से भी नहीं मिली राहत

हालांकि कई जिलों में विद्यालयों के संचालन समय में बदलाव करते हुए सुबह 6:30 बजे से 11:30 बजे तक कर दिया गया है, फिर भी गर्मी की तीव्रता के कारण बच्चों को कक्षाओं में बैठना भारी पड़ रहा है। अभिभावकों और शिक्षकों का मानना है कि इस समय परिवर्तन से भी बच्चों की सेहत पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को नहीं रोका जा सका है।

सावधानी से पहले ज़रूरी है कार्रवाई

बिहार अभिभावक महासंघ ने राज्य सरकार को आगाह किया है कि यदि समय रहते अवकाश की घोषणा नहीं की गई, तो बच्चों की सेहत और जीवन दोनों खतरे में पड़ सकते हैं। महासंघ ने अपने पत्र की प्रतिलिपि सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को भी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी है।

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