आदिवासियों के प्यासे होंठ, दिल्ली की चुप्पी और जल पर राजनीति – JMM का आरोप: ‘झारखंड से छीना गया पानी का हक’

KK Sagar
2 Min Read

रांची: झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य के हिस्से का हजारों करोड़ रुपये का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है।

भट्टाचार्य ने कहा कि 15 अगस्त 2019 को शुरू हुई ‘जल जीवन मिशन योजना’ के अंतर्गत हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया था। झारखंड सरकार ने इस योजना में सराहनीय कार्य किया, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने वित्तीय सहायता में कटौती कर दी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 से 2024 तक की अवधि में केंद्र को झारखंड को 6270.37 करोड़ रुपये देना था, जो अब तक नहीं दिया गया। यहां तक कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार ने 2114.14 करोड़ रुपये देने का वादा किया, लेकिन अब तक केवल 70 करोड़ रुपये ही दिए गए हैं।

JMM नेता ने सवाल उठाया – “क्या झारखंड के आदिवासियों के जल अधिकार पर भी राजनीति की जाएगी? एक तरफ राज्य से कोयले के नाम पर अरबों रुपये वसूले जाते हैं, दूसरी तरफ जब पीने के पानी की बात आती है तो राज्य को उसके हक से वंचित किया जाता है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों को केंद्र सरकार सरप्लस फंड देती है, जबकि झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव करती है।

JMM ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह राजनीति से ऊपर उठकर झारखंड के विकास और जनता की जरूरतों को प्राथमिकता दे। साथ ही जल जीवन मिशन योजना के तहत झारखंड को उसका वैधानिक अधिकार तुरंत दिया जाए।

Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....