खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 क समापन हो गया है। बिहार की राजधानी पटना में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के सातवें संस्करण का बीते गुरुवार को रंगारंग कार्यक्रम के साथ समापन हो गया। बिहार ने न केवल खेलो इंडिया यूथ गेम्स के सफल आयोजन को अंजाम दिया, बल्कि इस आयोजन के दौरान बिहार ने अपने खिलाड़ियों की प्रतिभा से सभी का ध्यान खींचा।

अब 2030 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने की तैयारी
4 से 15 मई तक आयोजित इस आयोजन में देशभर से आए 10,000 से अधिक खिलाड़ी और सहयोगी कर्मियों के लिए बेहतरीन व्यवस्था की गई थी। बिहार ने एक अच्छा मेजबान बनकर अपनी छवि भी मजबूत की। इसके साथ ही भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के लिए बिहार तैयार हो रहा है। समापन समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी बताया कि बिहार साल 2030 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए बिहार में सभी खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बिहार के नौ प्रमंडलों में खेल गांव बनाए जाएंगे।
बिहार ने झारखंड को पीछे छोड़ दिया
अच्छी मेजबानी के साथ बिहार के खिलाड़ियों ने खूब जलवा बिखेरा। बिहार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए 14वां स्थान हासिल किया है। बिहार ने अपने सबसे नजदीकि प्रतिद्वंद्वी झारखंड को भी पछाड़ दिया। इस बार बिहार ने 620% की बड़ी प्रगति दिखाते हुए झारखंड को पीछे छोड़ दिया है। इस बार बिहार के खिलाड़ियों ने 7 गोल्ड, 11 सिल्वर और 18 कांस्य पदक जीते, यानी कुल 36 पदक, जबकि 2023 में सिर्फ 5 पदक मिले थे। यह बड़ी सफलता बिहार के लिए बहुत खास है और दिखाती है कि अब बिहार सिर्फ नाम का नहीं, बल्कि खेलों की नई प्रयोगशाला बनकर उभर रहा है।
सीएम नीतीश के विजन का दिखा परिणाम
बिहार के खिलाड़ियों की इस बडी कामयाबी के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता और मेहनत बताया जा रहा है। उन्होंने खेलों को बेहतर बनाने के लिए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को रजिस्टर्ड कराया और खेल विभाग बनाया। इसके बाद से खिलाड़ियों को अच्छे प्रशिक्षण, संसाधन और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के मौके लगातार बढ़ाए गए।