इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सवाल पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बयान के बाद उठ रहे हैं। दरअसल, चिदंबरम में एक दिन पहले ही इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ी बात कही है। एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने ‘इंडिया’ गठबंधन को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह आश्वस्त नहीं हैं कि यह विपक्षी गठबंधन अब भी पूरी तरह एकजुट है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि विपक्षी गठबंधन कमजोर पड़ गया है। राज्यसभा सांसद चिदंबरम सलमान खुर्शीद और मृत्युंजय सिंह यादव की किताब ‘कंटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डेफिसिट’ के विमोचन अवसर पर चिदंबरम ने अपनी चिंता जाहिर की।

गठबंधन अभी भी बरकरार है, लेकिन यकीन नहीं- चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा कि उन्हें लगता है कि गठबंधन अभी भी बरकरार है, लेकिन मुझे यकीन नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि इसका उत्तर केवल सलमान खुर्शीद ही दे सकते हैं, क्योंकि वे इंडिया ब्लॉक के लिए वार्ता करने वाली टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन पूरी तरह बरकरार रहता है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। लेकिन आए दिन उजागर होने वाली कमजोरियों से पता चलता है कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है।
विपक्षी दलों को किया सचेत
चिदंबरम ने ना केवल गठबंधन को लेकर चिंता जाहिर की बल्कि, भाजपा को लेकर विपक्षी दलों को सचेत भी किया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन एक ऐसी ‘बहुत मजबूत मशीनरी’ के खिलाफ लड़ रहा है, जिससे सभी मोर्चों पर लड़ा जाना चाहिए। मेरे अनुभव और मेरे इतिहास के अध्ययन के अनुसार, बीजेपी जितना सशक्त रूप से संगठित कोई राजनीतिक दल नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है। यह एक मशीन के पीछे दूसरी मशीन है और दो मशीनें भारत में सभी मशीनरी को नियंत्रित करती हैं। निर्वाचन आयोग से लेकर देश के सबसे निचले पुलिस स्टेशन तक, वे (भाजपा) इन संस्थानों को नियंत्रित करने और कभी-कभी कब्जा करने में सक्षम हैं।
सलमान खुर्शीद ने दी सहयोगियों को साथ लाने की सलाह
चिदंबरम की बात पर सलमान खुर्शीद ने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक से जुड़े कुछ मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें 2029 में एक बहुत बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। इस बात पर विचार करना होगा कि गठबंधन के सहयोगियों को कैसे एक साथ लाया जाए।
बिहार चुनाव से पहले आया बयान
दोनों नेताओं की ये टिप्पणी बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़ी जा रही है। दरअसल, कुछ महीने बाद ही बिहार चुनाव होने हैं, जहां आरजेडी के नेतृत्व वाली इंडिया ब्लॉक पार्टियां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। इंडिया ब्लॉक में कई राजनीतिक दलों का गठबंधन है, जिसका नेतृत्व देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस करती आई है। हालांकि, कई मुद्दों पर गठबंधन दल के सदस्य ‘अपनी डफली अपना राग’ वाली कहावत चरितार्थ करते दिखते हैं।