मिरर डेस्क। कोलकाता : स्वच्छ भारत अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने की दिशा में पूर्व रेलवे ने कड़ा रुख अपनाया है। जनवरी से मार्च 2025 तक, पूर्व रेलवे ने अपने विभिन्न स्टेशन परिसरों में थूकने और कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर 31,576 लोगों पर कार्रवाई की और 32,31,740 रुपये का जुर्माना वसूला। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कदम न केवल अनुशासन लागू करने के लिए है, बल्कि यात्रियों और रेल उपयोगकर्ताओं के व्यवहार में दीर्घकालिक बदलाव लाने के लिए भी उठाया गया है।
पूर्व रेलवे जिसका मुख्यालय कोलकाता में है, स्वच्छता को प्राथमिकता दे रहा है। रेलवे स्टेशन और पटरियों को कचरा-मुक्त रखने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि कुछ यात्री और विक्रेता अभी भी प्लेटफॉर्म और स्टेशन परिसर में थूककर और गंदगी फैलाकर स्वच्छता में बाधा डाल रहे हैं। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि रेलवे की छवि को भी प्रभावित करता है। इस समस्या से निपटने के लिए पूर्व रेलवे ने व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और स्टेशन कर्मचारी नियमित रूप से शामिल होते हैं।
स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए पूर्व रेलवे ने अनूठा कदम उठाया है। स्वच्छता का पालन करने वाले यात्रियों और विक्रेताओं को गुलाब देकर सम्मानित किया जा रहा है, ताकि सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा मिले। साथ ही जुर्माना लगाने की कार्रवाई उन लोगों के लिए चेतावनी है जो नियमों का उल्लंघन करते हैं। यह अभियान न केवल स्टेशनों को स्वच्छ रखने में मदद कर रहा है, बल्कि यात्रियों में जागरूकता भी बढ़ा रहा है।
पूर्व रेलवे का यह प्रयास स्वच्छ भारत मिशन और रेल मंत्रालय के स्वच्छ रेल-स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण से मेल खाता है। कोलकाता, हावड़ा, सियालदह जैसे प्रमुख स्टेशनों सहित पूरे नेटवर्क में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण और अभियान चलाए जा रहे हैं। यह पहल रेल यात्रियों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।