IAS विनय चौबे की गिरफ्तारी से खुला शराब सिंडिकेट का राज, झारखंड-छत्तीसगढ़ गठजोड़ उजागर

KK Sagar
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रांची – झारखंड में करोड़ों रुपये के शराब घोटाले में राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेन्द्र कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। यह घोटाला झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच फैले एक संगठित शराब सिंडिकेट से जुड़ा बताया जा रहा है, जिससे राज्य को करीब 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

क्या है पूरा मामला?

2022 में झारखंड सरकार ने नई शराब नीति लागू की थी। ACB की जांच में सामने आया कि इस नीति के अंतर्गत निजी एजेंसियों के चयन में विनय चौबे और गजेन्द्र सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग किया। इस घोटाले में छत्तीसगढ़ के एक शराब सिंडिकेट से सांठगांठ की गई थी, जो झारखंड में नकली होलोग्राम और बिना कर चुकाए शराब की आपूर्ति कर रहा था।

छत्तीसगढ़ से कनेक्शन

जांच में पता चला है कि झारखंड में जिन कंपनियों को शराब की आपूर्ति का ठेका दिया गया, उनके तार छत्तीसगढ़ के एक बड़े शराब सिंडिकेट से जुड़े हुए हैं। यह सिंडिकेट पहले से ही छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर शराब घोटाले में शामिल रहा है। झारखंड में भी इसी नेटवर्क के ज़रिए अवैध शराब का वितरण किया गया, जिससे न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ, बल्कि नकली शराब के ज़रिए जनता की सेहत भी दांव पर लगाई गई।

ईडी की पहले की कार्रवाई

इस मामले में अक्टूबर 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी कार्रवाई की थी। ED ने विनय चौबे और गजेन्द्र सिंह के ठिकानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डाटा जब्त किया था। इसके आधार पर ACB ने अपनी जांच आगे बढ़ाई, जिससे अब गिरफ्तारी हुई है।

विनय कुमार चौबे का प्रोफाइल

विनय कुमार चौबे 1999 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव, रांची के उपायुक्त, और कई अन्य अहम पदों पर काम कर चुके हैं। उनकी छवि एक कुशल प्रशासक की रही है, लेकिन इस घोटाले में नाम आने के बाद उनकी भूमिका सवालों के घेरे में है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस मामले को लेकर भाजपा ने झारखंड सरकार पर बड़ा हमला बोला है और CBI जांच की मांग की है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्य में शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है और इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है। वहीं, राज्य सरकार ने ACB को जांच के लिए अधिकृत किया है।

न्यायिक हिरासत में भेजे गए दोनों अधिकारी

गिरफ्तारी के बाद दोनों अधिकारियों को रांची की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 3 जून 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में और भी अधिकारियों और निजी एजेंसियों पर कार्रवाई संभव है।

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