डिजिटल डेस्क। कोलकाता : पश्चिम बंगाल में निजी बस संचालकों के पांच संगठनों के संयुक्त मंच, बेसरकारी यात्री परिवहन बचाओ कमेटी, ने 22 मई से तीन दिनों की हड़ताल की घोषणा की है। यह फैसला राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद लिया गया, क्योंकि उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगों पर कोई सकारात्मक प्रगति नहीं हुई। इस मंच में ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स, बंगाल बस सिंडिकेट, वेस्ट बंगाल बस-मिनी बस ऑनर्स एसोसिएशन, मिनीबस ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी, और इंटर एंड इंट्रा रीजन बस एसोसिएशन शामिल हैं।
इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने परिवहन सचिव सौमित्र मोहन से मुलाकात की, लेकिन सरकार के जवाब से वे संतुष्ट नहीं हुए। संचालकों की मुख्य मांगों में 15 साल से पुराने वाहनों के लिए दो साल का विस्तार और यातायात उल्लंघन के नाम पर पुलिस की कथित ज्यादतियों को खत्म करना शामिल है। ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के अध्यक्ष तपन बनर्जी ने कहा ‘वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकला। हम हड़ताल करने को मजबूर हैं। कोविड के बाद से निजी बस सेवा क्षेत्र संकट में है, और सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हस्तक्षेप और ठोस आश्वासन ही इस संकट का समाधान कर सकता है। बस संचालकों की बेबसी पर ध्यान देना होगा।