आतंक के आका पाकिस्तान की पोल खोलने निकला भारत: सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा जापान और यूएई, उड़ेगी पाक की धज्जियाँ

KK Sagar
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भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी वैश्विक मुहिम को और तेज करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है। देश का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अब जापान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंच चुका है, जहां वह पाकिस्तान की आतंकवाद पोषक नीतियों की असलियत से दुनिया को रूबरू कराएगा।

इस विशेष अभियान के तहत दो प्रतिनिधिमंडल रवाना हुए हैं। पहला प्रतिनिधिमंडल जेडीयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में जापान गया है, जबकि दूसरा शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में यूएई के अबू धाबी पहुंचा है। इनका मकसद है– पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने और भारत के खिलाफ चल रहे उसके षड्यंत्रों को सबूतों के साथ दुनिया के सामने लाना।

पाकिस्तान के खिलाफ पुख्ता डोजियर

प्रतिनिधिमंडलों को विदेश मंत्रालय द्वारा एक विस्तृत डोजियर सौंपा गया है, जिसमें पाकिस्तान की आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों का कच्चा चिट्ठा है। करीब 150 पन्नों का यह दस्तावेज पाकिस्तान के आतंकी शिविरों, उनके स्थान, वहां चल रही ट्रेनिंग, आतंकियों के नाम और घटनाओं से जुड़ी ठोस जानकारियों से भरा है। साथ ही, भारत में और विदेशों में हुए आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया गया है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मकसद

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की एक बड़ी रणनीतिक पहल है, जिसका उद्देश्य है अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की आतंक समर्थक नीतियों के खिलाफ जागरूक करना। इसके जरिए भारत यह संदेश दे रहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ “शून्य सहिष्णुता” की नीति पर पूरी मजबूती से कायम है और दुनिया को भी इसी राह पर चलने की जरूरत है।

33 देशों में जाएगी भारत की आवाज़

यह सिर्फ शुरुआत है। भारत की योजना है कि ऐसे सात अलग-अलग सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों में भेजा जाएगा। इन सभी का उद्देश्य एक ही है—दुनिया को यह बताना कि पाकिस्तान सिर्फ भारत ही नहीं, वैश्विक शांति के लिए भी खतरा बन चुका है।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर होगी गूंज

भारत का यह कूटनीतिक हमला सिर्फ बयानबाज़ी नहीं है, बल्कि ठोस तथ्यों और रणनीति के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की साख को झकझोरने की तैयारी है। यह पहल साफ संकेत देती है कि अब भारत सिर्फ अपनी सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक नेतृत्व की भूमिका भी निभाएगा।

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