दीघा जगन्नाथ मंदिर: एक नया आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र, विदेशी पर्यटकों में बढ़ती दिलचस्पी

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/जमशेदपुर: पश्चिम बंगाल के तटीय शहर दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर न केवल एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, बल्कि यह देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर मंदिर का उद्घाटन हुआ और इसके बाद से यहां पर्यटकों और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों में इस मंदिर के प्रति गहरी रुचि देखी जा रही है, क्योंकि यह ओडिशा के पुरी स्थित 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति है, जहां गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है। दीघा का जगन्नाथ मंदिर अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है और इसमें कई खास विशेषताएं हैं।

वास्तुकला और डिज़ाइन

मंदिर का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है और इसे बनाने में लगभग 800 कुशल कारीगरों ने योगदान दिया है, जिनमें से कई ने अयोध्या के राम मंदिर का भी निर्माण किया था। मंदिर का ढांचा पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तरह ही है, जिसमें सिंहद्वार, व्याघ्रद्वार, हस्तिद्वार और अश्वद्वार जैसे चार मुख्य द्वार हैं।

अरुण स्तंभ : मंदिर परिसर में 34 फीट ऊंचा, 18 मुख वाला एक अरुण स्तंभ है, जो काले पत्थर से बना है और इसके शीर्ष पर अरुण देवता की मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर की भव्यता को और बढ़ाता है।

मूर्तियां: मंदिर में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित हैं, जो पुरी की परंपराओं को दर्शाती हैं। विशेष रूप से, भगवान जगन्नाथ की मूर्ति समुद्र से प्राप्त की गई थी, जिसने उद्घाटन से पहले ही चर्चा बटोरी।

पूजा-अर्चना और अनुष्ठान: मंदिर में पूजा और अनुष्ठान पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर किए जाते हैं। इनका प्रबंधन अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा किया जा रहा है।

पर्यटन और तीर्थाटन का केंद्र: मंदिर 22 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला है और इसे पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पर्यटन और तीर्थाटन के नए केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। मंदिर के उद्घाटन के बाद यहाँ पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।

250 करोड़ लगा है निर्माण में:
दीघा जगन्नाथ मंदिर के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 250 करोड़ रुपये है, जिसका पूरा खर्च पश्चिम बंगाल सरकार ने वहन किया है। मंदिर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई। निर्माण कार्य का 90% हिस्सा पूरा हो चुका है, और शेष 10% कार्य को अगले कुछ महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माण लागत में वृद्धि की संभावना भी जताई जा रही है।

पर्यटक सुविधाएं शानदार-
दीघा पहले से ही बंगाल की खाड़ी के किनारे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, और जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।

यहां उपलब्ध सुविधाएं
आवास: दीघा में हर बजट के लिए होटल और गेस्टहाउस उपलब्ध हैं। दीघा शंकरपुर होटलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशांत पात्रा के अनुसार, मंदिर के उद्घाटन के बाद पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है, जिसके लिए अतिरिक्त सुविधाओं की योजना बनाई जा रही है।

परिवहन: मंदिर की भीड़ को संभालने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने भारतीय रेलवे से अतिरिक्त ट्रेनों की मांग की थी। दक्षिण पूर्व रेलवे ने 25 अप्रैल से 4 मई तक हावड़ा-दीघा और पानस्कुरा-दीघा के बीच विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की है।

सुरक्षा और व्यवस्था: उद्घाटन समारोह के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं विभिन्न विभागों और जिला प्रशासन के साथ बैठक कर सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित की।

विदेशी पर्यटकों के लिए सुविधा: मंदिर में गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति है, जो पुरी के जगन्नाथ मंदिर से अलग है। इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास के अनुसार, विदेशी पर्यटक, विशेष रूप से इस्कॉन के भक्त, मंदिर के प्रति उत्साहित हैं। इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बताया कि उद्घाटन समारोह में 150 देशों के लोग शामिल हुए थे, और सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो के कारण वैश्विक स्तर पर मंदिर की चर्चा बढ़ी है। अमेरिकी उद्योगपति हेनरी फोर्ड के परपोते और इस्कॉन भक्त अल्फ्रेड फोर्ड के जल्द ही मंदिर दर्शन के लिए आने की उम्मीद है।

उद्घाटन के बाद से भीड़:
मंदिर का उद्घाटन 30 अप्रैल 2025 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में हुआ। उद्घाटन के पहले दिन से ही मंदिर में भक्तों और पर्यटकों की भारी भीड़ देखी गई। पहले 15 दिनों में लगभग 20 लाख दर्शकों ने मंदिर का दौरा किया, जिनमें 60-70% लोग ओडिशा से आए थे। आगामी रथ यात्रा के दौरान और अधिक भीड़ की उम्मीद है, जिसके लिए अतिरिक्त परिवहन और सुरक्षा व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

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