जमशेदपुर : सांसद विद्युत वरण महतो ने आज केंद्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात कर एचसीएल के संबंध में दो अलग-अलग ज्ञापन समर्पित किया और उनके माध्यम से मांग किया कि एचसीएल का विलय एनएमडीसी के साथ किया जाए। इसके अलावा एक दूसरे ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने यह मांग किया कि घाटशिला स्थित एचसीएल के इंडियन कॉपर कंपलेक्स प्लांट को यथाशीघ्र प्रारंभ किया जाए। एयरटेल का एनएमडीसी के साथ विलयकरण के संबंध में सांसद महतो ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत घाटशिला प्रखंड (मौउभण्डार) स्थित हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) इंडियन कंपलेक्स (ICC) प्लांट में कंपनी के आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आज तक उत्पादन प्रारंभ नहीं हो पाया है। वर्ष 1967 से HCL व NDMC एक दूसरे से अलग हो जाने के कारण हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड उबर नहीं पाया है। जबकि इसके पास राखा चापडी जैसे बड़े माइंस है। झारखंड की पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार लीज नवीकरण व एक सौ एकड़ भूमि भी उपलब्ध कराया था। लेकिन एचसीएल ने अभी तक उक्त कार्यों का निविदा प्रकाशित नहीं कर पाई है। जिसके कारण उत्पादन कार्य बंद है। उत्पादन कार्य बंद होने से स्थाई कर्मचारियों के साथ-साथ अस्थाई कामगारों के बीच भी निराशा व असुरक्षा की भावना देखने को मिल रही है। दुर्भाग्यवश बीते डेढ़ वर्षो से एचसीएल ने अपनी पहचान के अनुरूप कार्य नहीं कर पा रही है जो कि देश के आजादी के 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मनाई जा रही है। इस अवसर पर एचसीएल व एनडीएमसी पूनः मर्जर होती है तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” व “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को भी पूरा करेगा।
बता दें कि घाटशिला के मउभंडार व इसके आसपास के क्षेत्र में रोजगार के लिए हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड इंडियन कॉपर कंपलेक्स प्लांट ही एकमात्र साधन है। इसलिए दोनों कंपनियों का मर्जर करते हुए मऊभंडार प्लांट में उत्पादन कार्य जल्द प्रारंभ कराई जाए जिससे उत्पादन के साथ-साथ लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। अपने दूसरे ज्ञापन के माध्यम से सांसद महतो ने आईसीसी प्लांट में उत्पादन शुरू कराने का आग्रह किया है। अपने ज्ञापन में उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान काॅपर लिमिटेड (HCL) को भारत की एकमात्र एकीकृत तांबा उत्पादक कम्पनी होने का गौरव प्राप्त है, जो कि ताम्र उत्पादन का कार्य खनन से लेकर शोधन, सांद्रीकरण, परिशाधन व परिशोधिन व परिशोधित तांबे की ढलाई करके आगे की बिक्री लायक उत्पाद के रूप में परिवर्तित करने तक का कार्य करती है। बीते डेढ़ साल से एचसीएल अपनी पहचान के अनुरूपक कार्य नहीं कर रही है जो कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ”मेक इन इंडिया” व ”आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प के विरूद्ध है। पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला प्रखण्ड क्षेत्र में मउभण्डार स्थित इंडियन काॅपर काॅमप्लेक्स (आई0सी0सी0) प्लांट बीते डेढ़ वर्ष से बंद है। आईसीसी प्लांट में एचसीएल की ही मलाजखंड इकाई से सप्लाई होने वाली ताम्र सांद्र अयस्क से उत्पादन कार्य होती है। दुर्भाग्यवश एचसीएल लंबे समय से ताम्र सांद्र अयस्क की सप्लाई आईसीसी ईकाई में नहीं कर के सीधे बाजार में बेच रही है। सांद्र अयस्क की कमी के कारण आईसीसी स्मेल्टर बन्द है। उत्पादन कार्य बन्द होने से स्थाई कर्मचारियों के साथ साथ अस्थाई कामगारों के बीच भी निराशा व असुरक्षा की भावना देखने को मिल रही है। कोरोना महामारी के बीच बीते डेढ़ साल से असंगठित क्षेत्र के हजारों मजदूर बेरोजगार हो चले है जो काफी चिंता का विषय है। रोजगार के अभाव में ठेका मजदूरों के लिए परिवार का भरण पोषण करना बड़ी चुनौती बन गई है।
आर्थिक तंगी के कारण मजदूर अपने बच्चों की पढ़ाई से लेकर बेटियों की शादी तक नहीं कर पा रहे है। यह क्षेत्र आदिवासी बहुल एरिया है जहां प्लांट बंद होने से बाजार पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी सूचित किया कि मउभण्डार व आस पास के क्षेत्र में रोजगार के लिए एचसीएल-आईसीसी प्लांट ही एकमात्र साधन है। मउभण्डार प्लांट में उत्पादन कार्य जल्द शुरू किया जाए ताकि बेरोजगार हो चले ठेका मजदूरों को दोबारा रोजगार मिल सके। सांसद महतो ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि अगर एचसीएल का एनएमडीसी में विलय हो जाता है व घाटशिला स्थित एसीसी प्लांट में उत्पादन पुणे प्रारंभ हो जाता है तो इससे एक ओर हम सभी तांबा का निर्यात कर सकेंगे। इसके अलावा तांबे का आयात से जो विदेशी मुद्रा काव्य होता है। उसे भी हम सभी बचा सकेंगे। केंद्रीय मंत्री जोशी ने सांसद महतो की मांगों पर कहा कि एनएमडीसी के साथ विलय का सुझाव काफी महत्वपूर्ण है। वे इसके सभी पहलुओं पर अवश्य विचार करेंगे। जहां तक उत्पादन प्रारंभ होने का मामला है तो वह इस संबंध में संबंधित पदाधिकारियों से बातचीत कर समुचित दिशा निर्देश जारी करेंगे।