डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: टाटा स्टील ने गुरुवार को ओडिशा के कलिंगनगर में अपनी दूसरी चरण की विस्तार परियोजना को पूरा करने की घोषणा की। इस 27,000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना के साथ कालिंगनगर संयंत्र की उत्पादन क्षमता 3 मिलियन टन से बढ़कर 8 मिलियन टन हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, टाटा स्टील की भारत में कुल उत्पादन क्षमता अब 26.1 मिलियन टन हो गई है। इस विस्तार का उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया। टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी. वी. नरेंद्रन ने कहा, ‘यह विस्तार ओडिशा की संभावनाओं में हमारे गहरे विश्वास और इस राज्य के प्रति हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कलिंगनगर हमारे लिए सिर्फ एक विनिर्माण स्थल नहीं है, बल्कि यह समुदाय, सरकार और उद्योग के सहयोग से संभव होने वाली उपलब्धियों का प्रतीक है।’ इस परियोजना की शुरुआत नवंबर 2018 में हुई थी और इसके तहत भारत का सबसे बड़ा ब्लास्ट फर्नेस स्थापित किया गया, जिसका आंतरिक आयतन 5,870 घन मीटर है। इस विस्तार के साथ, टाटा स्टील का लक्ष्य ऑटोमोटिव, बुनियादी ढांचा, बिजली, जहाज निर्माण और रक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए उन्नत उच्च-शक्ति वाले स्टील की आपूर्ति करना है। परियोजना में कच्चे माल की क्षमता वृद्धि, अपस्ट्रीम और मिड-स्ट्रीम सुविधाएं, बुनियादी ढांचा और डाउनस्ट्रीम सुविधाएं, जिसमें एक कोल्ड रोलिंग मिल कॉम्प्लेक्स शामिल है, को शामिल किया गया है।
ओडिशा टाटा स्टील के लिए सबसे बड़ा निवेश गंतव्य बनकर उभरा है। कंपनी ने पिछले 10 वर्षों में राज्य में 100,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। कालिंगनगर के अलावा, टाटा स्टील मेरमंडली (पूर्व में भूषण स्टील) की क्षमता 5.6 मिलियन टन, जमशेदपुर की 11 मिलियन टन, और गम्हरिया व एनआईएनएल की 1-1 मिलियन टन है। यह विस्तार न केवल टाटा स्टील की उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि ओडिशा के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।