इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने ऐतिहासिक रफ्तार पकड़ ली है। केरल में समय से पहले दस्तक देने के बाद अब यह महाराष्ट्र तक पहुंच चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह पिछले 35 वर्षों में पहली बार हुआ है जब मॉनसून इतनी जल्दी महाराष्ट्र में दाखिल हुआ है। 1990 में आखिरी बार ऐसा रिकॉर्ड बना था, जब मॉनसून 20 मई को महाराष्ट्र में आया था।
असामान्य गति से बढ़ा मॉनसून, देश के कई हिस्सों में पहुंचा
आईएमडी के अनुसार, वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अरब सागर के और हिस्सों, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, उत्तरी बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे मिजोरम, मणिपुर और नगालैंड तक पहुंच गया है। मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां बेहद अनुकूल हैं और अगले तीन दिनों में यह और भी हिस्सों में फैल सकता है, जिनमें मुंबई, बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत शामिल हैं।
महाराष्ट्र में बारिश से तबाही, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
महाराष्ट्र में तटीय कोंकण क्षेत्र और मुंबई में पिछले दो दिनों से भारी प्री-मॉनसून बारिश जारी है। पुणे के बारामती और इंदापुर तहसीलों में हुई तेज बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। मौसम विभाग ने 27 से 31 मई के बीच कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।
कर्नाटक और आंध्र में भारी बारिश की चेतावनी
आंतरिक कर्नाटक में 28 से 31 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा और तेलंगाना में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, साथ ही आंधी, बिजली और मध्यम बारिश भी हो सकती है।
दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्र भी प्रभावित
तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भी भारी बारिश का अनुमान है। गुजरात में 28 मई तक 50-60 किमी/घंटा की हवाएं चल सकती हैं, जो कि 70 किमी/घंटा तक भी पहुंच सकती हैं।
पूर्वोत्तर और पूर्व भारत में भी सक्रिय रहेगा मॉनसून
अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 31 मई तक भारी बारिश की संभावना है। इसी तरह, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में भी बारिश और तेज हवाओं के साथ आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है।
उत्तर भारत में भी दिखेगा असर
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में भी मौसम का मिजाज बदला रहेगा। उत्तराखंड में 31 मई तक तेज हवाओं के साथ बारिश का अनुमान है, जबकि हिमाचल में 27-28 मई को आंधी और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। राजस्थान में धूलभरी आंधी और तेज हवाएं चल सकती हैं।
सामान्य तिथियों से पहले दस्तक
गौरतलब है कि सामान्य रूप से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून तक केरल में पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। इसकी वापसी 17 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक देश से पूरी तरह लौट जाता है। लेकिन इस बार यह 25 मई को ही महाराष्ट्र तक पहुंच चुका है, जो कि एक असामान्य और ऐतिहासिक स्थिति है।