देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।देश में एक्टिव केसों की संख्या 1252 पहुंच गई है और अभी तक कुल मृतकों की संख्या 14 हो गई है। केरल में सबसे ज्यादा 430 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। महाराष्ट्र में एक्टिव केसों की संख्या 325 है, इनमें से 316 मरीज सिर्फ मुंबई से हैं। महाराष्ट्र एक्टिव केस के मामले में दूसरे नंबर पर है।

कोरोना के नए वैरिएंट ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। रोजाना दर्जनों नए मामले सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए विभिन्न राज्यों की ओर से हेल्थ डिपार्टमेंट को निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को अलर्ट रहने और कोरोना से जुड़ी चीजों (जैसे दवाई, ऑक्सीजन सिलेंडर) का स्टॉक रखने और उसकी मॉनिटरिंग करने को भी कहा है। दिल्ली से लेकर हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं। नए संक्रमितों की संख्या 1200 से ज्यादा होने से एक्सपर्ट की चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
6 राज्यों में अब तक 14 की मौत
जयपुर में 26 मई को कोरोना के दो मरीजों की मौत हो गई। इनमें से एक रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था। उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दूसरी मौत प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती 26 साल के युवक की हुई। उसे पहले से ही टीबी की बीमारी थी।
वहीं, महाराष्ट्र के ठाणे में एक कोरोना पॉजिटिव महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। ठाणे में ही 25 मई (रविवार) को अस्पताल में इलाज करा रहे 21 साल के युवक की मौत हो गई। उसका 22 मई से इलाज चल रहा था।
इससे पहले 17 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में 84 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि बुजुर्ग की मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से हुई थी। 24 मई को उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। केरल में दो लोगों की कोविड से मौत हुई है।
भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।
बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।
NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं