सड़क पर संभल कर चलें: स्टील सिटी में 45 दिनों में 32 मौतें, तेज रफ्तार व लापरवाही पड़ रहा भारी

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/ जमशेदपुर: लौहनगरी जमशेदपुर और इसके आस-पास के इलाकों में पिछले 45 दिनों में सड़क दुर्घटनाओं में 32 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। पुलिस विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाना रहा है।

शहर में सड़क सुरक्षा को लेकर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में 30, फरवरी में 29 और मार्च में 33 बड़ी सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। इन सभी मामलों में अधिकांशतः तेज गति और नियमों की अनदेखी प्रमुख वजह बनकर सामने आई।

पुलिस ने बताया कि हाल ही में सोनुवा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक चार पहिया वाहन के अनियंत्रित होकर मंदिर की दीवार से टकरा जाने की घटना हुई, जिसमें दो युवकों की जान चली गई। यह दुर्घटना मंगलवार को हुई जब चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया। इस घटना में कार में सवार दो अन्य लोग भी घायल हुए।

एक दूसरी घटना में, 1 जनवरी, 2024 को एक बैंकर, सोहन सिंह, की उस समय मौत हो गई जब वह काम पर जा रहे थे। इसके अलावा, साकची जैसे व्यस्त इलाके में एक सरकारी कर्मचारी, मोहन करमाकर, को एक तेज रफ्तार टिपर ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें दो बाइक सवारों की भी जान चली गई थी।

यातायात पुलिस के अनुसार, मोबाइल फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, फिटनेस प्रमाण पत्र, बीमा प्रमाण पत्र, प्रदूषण प्रमाण पत्र के बिना वाहन चलाना और टिंटेड ग्लास का उपयोग करना जैसे अपराध अक्सर देखे जाते हैं और कई बार बिना किसी रोक-टोक के होते रहते हैं।

डीएसपी (यातायात) नीरज कुमार ने बताया कि दोपहिया वाहन चालकों को अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट पहनने चाहिए। विभाग ने पुलिसिंग के लिए आवश्यक डिजिटल उपकरणों की एक सूची भी सरकार को सौंपी है।

पूर्व आईजी राजीव रंजन ने कहा, ‘जमशेदपुर में लगभग 67 लाख वाहन पंजीकृत हैं। लेकिन हमारे पास 100 से भी कम ट्रैफिक पुलिस कर्मी हैं। लंबे समय से रिक्त पदों के लिए सरकार द्वारा कोई नई भर्ती नहीं की गई है। अपराधियों को ट्रैक करने के लिए पुलिस के पास हाई-टेक गैजेट भी उपलब्ध नहीं हैं। हमारे रिकॉर्ड के अनुसार जमशेदपुर में हर दिन एक मौत होती है।’

अधिकारियों का मानना है कि अगर व्यस्त समय के दौरान गति सीमा जैसे नियमों को सख्ती से लागू किया जाए और शहर में स्पीड गन लगाई जाएं तो स्थिति में सुधार हो सकता है। फिलहाल, कई चालक गति सीमा का उल्लंघन करते हैं, जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं।

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