पाक के खिलाफ मिशन का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ क्यों रखा गया नाम? शशि थरूर ने दिया जवाब

Neelam
By Neelam
3 Min Read

कांग्रेस नेता शशि थरूर भारत की तरफ से दुनियाभर में भेजे गए डेलीगेशन का हिस्सा हैं। शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा। कांग्रेस नेता ने यूएस स्थित नेशनल प्रेस क्लब में एक बातचीत के दौरान बताया कि आखिर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों दिया। थरूर ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम बहुत सोच-समझकर रखा गया है। उन्होंने सिंदूर के महत्व को बताते हुए कहा कि यह रंग खून से अलग नहीं है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों रखा गया?

बुधवार को अमेरिका में नेशनल प्रेस क्लब में एक संवाद सत्र के दौरान यह पूछे जाने पर कि भारत ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों चुना। कांग्रेस सांसद ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर, वास्तव में, मुझे लगा कि यह एक शानदार नाम है। सिंदूर, अगर कुछ अमेरिकी इसके बारे में नहीं जानते हैं, तो यह सिंदूर हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं अपनी मांग में लगाती है। यह व्यापक रूप से प्रचलित है। कुछ गैर-हिंदू भी इसे करते हैं। सिंदूर विवाह समारोह के समय लगाया जाता है और उसके बाद हर दिन विवाहित महिलाएं इसे लगाती हैं। इसलिए, हम इन क्रूर आतंकवादियों के बारे में बहुत सचेत थे, जिन्होंने पति को उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने गोली मार दी। आतंकियों ने महिलाओं को छोड़ दिया और जब एक पत्नी चिल्लाई, ‘मुझे भी मार दो’, तो उसे कहा गया, नहीं, ‘तुम वापस जाओ और उन्हें बताओ कि हमने क्या किया है।’ इसी कारण से महिलाएं इस जघन्य, वीभत्स कृत्य से बच गईं।

सिंदूर का बदला खून-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि उस सिंदूर को वास्तव में 26 भारतीय महिलाओं के माथे से मिटा दिया गया था, मैं हिंदू महिलाएं कहने वाला था, लेकिन उनमें से एक वास्तव में ईसाई थी, लेकिन बाकी सभी के माथे का सिंदूर इन आतंकवादी घटना में मिटा दिया गया। इसलिए हम सबसे पहले सिंदूर मिटाने की उस घटना का बदला लेना चाहते थे। लेकिन, दूसरी बात, यह कोई संयोग नहीं है कि सिंदूर का रंग लाल है, जो खून के रंग से बहुत अलग नहीं है, और कई मायनों में एक हिंदी मुहावरा है कि ‘खून का बदला खून’; यहां यह ‘सिंदूर का बदला खून’ होगा, यानी सिंदूर के साथ जो कुछ भी किया गया है, उसके जवाब में खून।

Share This Article