डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा का मानना है कि जब रंगमंच के दर्शक किसी किरदार की गहराई को समझ लेते हैं, तो कलाकार की कला स्वतः ही सराही जाती है। उन्होंने कहा कि दर्शक तब भी कला से जुड़ते हैं, जब वे किसी किरदार से प्रेम नहीं, बल्कि घृणा करते हैं। ज्यादातर फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाओं के लिए पहचाने जाने वाले राणा को इससे व्यापक लोकप्रियता हासिल हुई है।
वर्तमान में आशुतोष राणा रामायण पर आधारित नाटक ‘हमारे राम’ में रावण की भूमिका निभा रहे हैं, जिसका मंचन देश के विभिन्न शहरों में हो रहा है।

‘हमारे राम’ नाटक का मंचन कोलकाता में सात और आठ जून को होगा। इस नाटक के प्रदर्शन के लिए कोलकाता पहुंचे राणा ने स्थानीय चैनल से बातचीत में कहा कि जब दर्शक किसी किरदार के मूल को समझकर उसकी कला की कद्र करते हैं, तो यह कलाकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। उनके लिए असली पुरस्कार दर्शकों का प्यार या नफरत नहीं, बल्कि उनकी कला का सम्मान और मूल्यांकन है।
राणा ने बताया कि ‘हमारे राम’ को दर्शक बार-बार देख रहे हैं, कुछ ने तो इसे 20 बार भी देखा है। उन्होंने कहा कि दर्शकों की प्रतिक्रिया नाटक की प्रस्तुति और कलात्मकता के प्रति उनकी प्रशंसा को दर्शाती है। अभिनेता ने आगे कहा कि ‘हमारे राम’ की सफलता रंगमंच के भरे हुए सभागारों से साफ झलकती है, जो कहानी और कलाकारों की दर्शकों को आकर्षित करने की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने कोलकाता के दर्शकों की तारीफ करते हुए कहा कि यहां के लोग हमेशा से गहरी विषय-वस्तु और प्रभावशाली प्रदर्शन को महत्व देते हैं।