डिजिटल डेस्क। रांची: झारखंड में शराब घोटाले की जांच में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त अमित प्रकाश को गिरफ्तार किया है। 30 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए अमित प्रकाश इस मामले में छठे आरोपी हैं, जिन्हें हिरासत में लिया गया है। इस गिरफ्तारी से घोटाले की परतें खुलने की उम्मीद बढ़ गई है।
एसीबी ने इससे पहले पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें 20 मई को विभाग के पूर्व प्रधान सचिव और झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के पूर्व महाप्रबंधक विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह शामिल थे। वहीं, 21 नवंबर को पूर्व महाप्रबंधक वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सह अभियान सुधीर कुमार और प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार देर शाम अमित प्रकाश को एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार, शराब घोटाले में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनमें शराब की आपूर्ति, वितरण और लाइसेंसिंग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप शामिल हैं। एसीबी की जांच में इन सभी आरोपियों की संलिप्तता की पुष्टि के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं।
यह घोटाला झारखंड में सुर्खियों में है, क्योंकि इसमें विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और निजी एजेंसियों के बीच सांठगांठ की बात सामने आ रही है। स्थानीय लोगों और विपक्षी दलों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एसीबी का कहना है कि जांच अभी जारी है और जल्द ही अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की जाएगी। अमित प्रकाश की गिरफ्तारी से इस मामले में और गति आने की संभावना है, जिससे घोटाले के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।

