हूल जोहार! मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संथाल वीरों को दी भावुक श्रद्धांजलि

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज हूल दिवस के अवसर पर संथाल विद्रोह के महानायकों को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की। यह ऐतिहासिक विद्रोह, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ हुआ था, की याद में आयोजित इस समारोह में सोरेन ने सिदो, कान्हू, चांद, भैरव, फूलो और झानो जैसे आदिवासी नायकों की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। समारोह फूलों की सजावट और सफेद पर्दों से सुशोभित एक हॉल में आयोजित किया गया, जहां सोरेन ने इन वीर शहीदों की रंगीन तस्वीर पर पुष्पहार चढ़ाया।

कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति और श्रद्धालु मौजूद थे, जो इस श्रद्धांजलि को सम्मान के साथ देख रहे थे। समारोह के दौरान गुलाब की पंखुड़ियों को बिखेरा गया, जिसने इस अवसर की गंभीरता को और बढ़ाया। सोरेन ने एक बयान में कहा कि ‘बाबा दिशोम गुरुजी’ के अस्वस्थ होने के कारण वे इस बार विद्रोह की ऐतिहासिक भूमि भोगनाडीह नहीं जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि हूल दिवस केवल एक यादगार दिन नहीं, बल्कि एक संकल्प का दिन है। “हूल हमारी ताकत है, हूल हमारी पहचान है,” सोरेन ने कहा, और आदिवासी धर्म कोड की स्थापना तथा आदिवासी संस्कृति, भाषा और विरासत के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

हर साल 30 जून को मनाया जाने वाला हूल दिवस, 1855 में संथाल विद्रोह की शुरुआत को चिह्नित करता है, जिसमें सिदो और कान्हू ने अपने भाई-बहनों के साथ मिलकर लगभग 60,000 संथालों का नेतृत्व करते हुए ईस्ट इंडिया कंपनी की शोषणकारी नीतियों के खिलाफ विद्रोह किया था। यह विद्रोह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और आदिवासी प्रतिरोध का प्रतीक है।

सोरेन ने अपने संदेश को अमर शहीदों को शत-शत नमन के साथ समाप्त किया और ‘हूल जोहार! जय झारखंड!’ का नारा बुलंद किया। यह आयोजन राज्य की ओर से अपनी आदिवासी विरासत को सम्मान देने और आने वाली पीढ़ियों को प्रतिरोध और एकता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के प्रयासों को दर्शाता है।

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