डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : एक चिप्स का पैकेट और उस पर चोरी का झूठा इल्ज़ाम। यह छोटी सी बात पूर्व मेदिनीपुर के पांशकुड़ा में सातवीं कक्षा के छात्र कृष्णेंदु दास की जिंदगी पर इतनी भारी पड़ गई कि उसने अपनी जान दे दी। इस दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे इलाके में शोक और गुस्से की लहर दौड़ा दी है। रविवार को 13 साल का कृष्णेंदु बाजार में चिप्स खरीदने गया था। दुकान पर चिप्स नहीं मिला और दुकानदार भी मौजूद नहीं था। तभी उसकी नजर सड़क किनारे पड़े चिप्स के पैकेट पर पड़ी, जिसे उसने उठा लिया। लेकिन यहीं से उसकी जिंदगी का सबसे दर्दनाक मोड़ शुरू हुआ। दुकान के मालिक और सिविक वॉलंटियर शुभंकर ने बाइक से उसका पीछा किया और बाजार में ही चोरी का इल्ज़ाम लगाकर उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। कृष्णेंदु को कान पकड़कर उठक-बैठक करवाई गई और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। उसने चिप्स के पैसे देने की कोशिश की, लेकिन शुभंकर का गुस्सा कम नहीं हुआ।
कृष्णेंदु की मां मौके पर पहुंची और उसे घर ले गई, लेकिन अपमान और मारपीट से आहत मासूम अपने कमरे में चला गया। कुछ देर बाद परिवार वालों ने उसे बेहोश पाया। पता चला कि उसने कीटनाशक खा लिया था। तमलुक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करने के बावजूद गुरुवार को उसने दम तोड़ दिया। कमरे से मिले सुसाइड नोट में कृष्णेंदु की मासूमियत साफ झलक रही थी। ‘मां, मैंने चिप्स चोरी नहीं की थी। मैंने उसे रास्ते से उठाया था।’ इस घटना ने पांशकुड़ा के गोंसाइबेर बाजार में आक्रोश की आग भड़का दी है। स्थानीय लोग सिविक वॉलंटियर शुभंकर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।