जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में कृषि व संबद्ध विभागों की समीक्षा बैठक, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : जिला उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में कृषि, मत्स्य, सहकारिता, गव्य विकास, पशुपालन, उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में सभी विभागों के विभागीय योजनाओं के अधतन प्रगति की समीक्षा करते हुए उपायुक्त द्वारा प्रतिनियुक्त मानव बल का सर्वाधिक उपयोग करते हुए भौतिक लक्ष्य के शत प्रतिशत प्राप्ति का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने स्पष्ट निदेश दिए कि किसानों की आय कैसे बढ़े तथा उनके उत्पाद को बाजार में उचित मूल्य मिले इस संबंध में सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारी कार्ययोजना बनाते हुए कार्य करें। उन्होने कहा कि कोल्ड स्टोरेज को क्रियाशील करते हुए सब्जी उत्पादन में अग्रणी प्रखंडों के किसानों को कोल्ड स्टोरेज में अपना उत्पाद सुरक्षित रखने के लिए प्रेरित करें। ताकि बाजार की मांग के अनुसार उन्हें अपने उत्पाद की सप्लाई करने में सहूलियत हो जिससे उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।

कृषि विभाग की समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी ने जानकारी दी कि पी.एम किसान सम्मान निधि योजना में निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध शत प्रतिशत उपलब्धि है। वहीं बैंकों में पूर्व से स्वीकृत केसीसी खातों के आधार लिंक या डाटा मिसमैच के कारण कृषि ऋण माफी योजना का लाभ लेने से कई किसान वंचित हैं। उपायुक्त द्वारा बैंकवार लंबित केसीसी की सूची अधतन करते हुए एल.डी.एम से समन्वय स्थापित कर वैसे किसान जिनके बैंक खाता में आधार लिंक या अन्य कोई समस्या है इसे दुरुस्त करने का निदेश दिया गया, करीब 20 हजार किसानों का केसीसी, डाटा मिसमैच के कारण लंबित है। पटमदा व मुसाबनी में बने कृषि क्लीनिक का संबंधित प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी को क्षेत्र भ्रमण के दौरान निरीक्षण का निदेश दिया गया। वहीं स्थानीय लोगों को इसका लाभ लेने के लिए प्रेरित करने को लेकर निदेशित किया गया।

जिले के लैम्पस का आय बढ़े इस संबंध में कार्यशाला आयोजित करने तथा धान अधिप्राप्ति को लेकर किसानों का निबंधन बढ़ाने के लिए प्रखंडवार कैम्प आयोजित करने का निदेश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि सहकारिता के उद्देश्यों की पूर्ति हो इस दिशा में लैम्पस व किसानों का मार्गदर्शन करने के लिए सहकारिता कार्य में अग्रणी राज्य व जिलों से विशेषज्ञों का ऑनलाइन सेशन आयोजित करायें।

उपायुक्त द्वारा गोदाम व कोल्ड स्टोरेज निर्माण के अधतन स्थिति की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि किसानों को वैसे उन्न्त बीज के फसलों की खेती के लिए प्रेरित करें जो जल्दी अंकुरित नहीं होते हों, इसे कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखते हुए बाजार की मांग के अनुसार बाजार में लाकर आय में बढ़ोत्तरी की जा सकेगी। जिले में वर्तमान में 5 कोल्ड स्टोरेज(30 मीट्रिक टन क्षमता) का निर्माण पूर्ण हो चुका है, सभी में बिजली, पेयजल आदि मूलभूत सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए जल्द से जल्द क्रियाशील कर किसानों के बीच जागरूकता लाने का निदेश दिया गया ताकि वे अपने उत्पाद को सुरक्षित रख सकें।

पशुपालन विभाग की समीक्षा के क्रम में पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि दिसंबर 2021 से 14 फरवरी 2022 तक जिले में ब्रूसेलोसिस(जीवाणु द्वारा उत्पन्न एक संक्रामक रोग) से बचाव के लिए 27600 बछड़ों का टीकाकरण किया गया है तथा प्रत्येक 3-4 महीने के अंतराल में इसका नियमित टीकाकरण किया जाना है। आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन(AI) अंतर्गत कुल 18902 पशुओं का AI किया गया है तथा 2 लाख 8 हजार 681 पशुओं का जिले में चिकित्सा लाभ विभाग द्वारा दिया गया है। साथ ही दो सौ से ज्यादा विशेष पशु चिकित्सा शिविर आयोजित करते हुए 1000 से ज्यादा पशुओं का एंटी रैबिज टीकाकरण कराया गया है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजनान्तर्गत 50 फीसदी(सभी वर्ग) व 90 फीसदी अनुदान(विधवा/असहाय/नि:शक्त/नि:संतान आदि) के तहत लाभुकों के बीच सूकर विकास, बकरा विकास, लो इनपुट लेयर बर्ड, बॉयलर कुक्कुट पालन तथा बत्तख चूजा योजना की समीक्षा करते हुए योग्य लाभुकों को योजना का लाभ दिलाते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति का निदेश दिया गया।

गव्य विकास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजनान्तर्गत कुल 296 चयनित लाभुकों को दुधारू गाय उपलब्ध कराने के लिए अनुदान राशि डीबीटी की गई है, हालांकि लाभुकों द्वारा लाभुक अंशदान जमा नहीं किए जाने अथवा बैंक ऋण की स्वीकृति नहीं होने से योजना में धीमी प्रगति को लेकर उपायुक्त द्वारा गव्य विकास के तकनीकी पदाधिकारी को लाभुकों से संवाद स्थापित करते हुए योजना में प्रगति लाने का निदेश दिया गया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी उक्त योजना में अपेक्षित प्रगति लाने का निदेश दिया गया। बीपीएल परिवारों को दो दुधारू गाय वितरण योजना की समीक्षा कर योग्य लाभुकों को इसका लाभ दिलाने का निदेश दिया गया। मत्स्य विभाग की समीक्षा के क्रम में उपलब्धि संतोषजनक पायी गई। जिला उद्यान पदाधिकारी को जिले में उन्नत बीज पपीता की खेती पर विशेष बल देते हुए महिला समूह को इससे जोड़ने का निदेश दिया गया। जिला उपायुक्त ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका लगाना अनिवार्य है, ऐसे में फाइबर, मिनरल्स, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर पपीता के पौधे आंगनाबड़ी सेंटर में लगवाना सुनिश्चित करें जिसका सेवन बच्चों के लिए मानसिक व शारीरिक विकास के लिए काफी लाभप्रद होगा।

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