मिरर मीडिया : धनबाद में अवैध कोयले का कारोबार बदस्तूर जारी है। अवैध कोयला तस्कर मजदूरो के जान को मौत के मुहानों में भेजने का काम कर रहे है। मामला बरोरा स्थित ओल्ड वर्किंग माइंस की है जहां 10 मजदूर जिंदा दफन होने से बच गये और डोजर ऑपरेटर की सूझबूझ के कारण दस घरों की चिराग बुझने से बच गयी।

बीसीसीएल बरोरा एरिया प्रबंधन के आदेश पर मुराईडीह फ़ॉर ए पैच स्थित ओल्ड वर्किंग माइंस में अवैध मुहानों की भराई की जा रही थी। इसी बीच डोजर ऑपरेटर की नजर अवैध माइंस के अंदर से आ रही रोशनी पर पड़ी। जिसे देखते ही ऑपरेटर ने भराई कार्य बंद कर दिया। मशीन बंद होते ही अवैध माइंस के अंदर से बचाओ बचाओ की आवाज सुन अधिकारियों के होश उड़ गए। फिर क्या था आनन फानन में बंद मुहाने को फिर से खोल दिया। जिसके बाद अंदर से दस की संख्या में लोग जो कोयला काटने घुसे थे,वह अपनी अपनी बाइक व साइकिल लेकर बाहर निकले। सभी मजदूर राहत की सांस लिए। समय पर अगर डोजर ऑपरेटर की नजर रोशनी पर नहीं पड़ती तो शायद सभी लोग जिंदा ही माइंस के अंदर दफन हो जाते।

मामला केवल एक माइंस की नहीं है ब्लकि बाघमारा और निरसा सहित धनबाद में कई ऐसे माइंस है जहां चाल धसने से मजदूरों की मौत हुई है हालांकि बीसीसीएल और स्थानीय प्रशासन ने हमेशा इसे इंकार किया है लेकिन सत्य यही है कि कोयले के अवैध खनन के मुहानों में कई लोगों की जिंदगियां दफन हुई है लेकिन अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि न तो BCCL ने की है और ना ही जिला प्रशासन ने की।

हाल ही में इसी ओल्ड वर्किंग माइंस में जिला खनन पदाधिकारी और एसडीएम ने छापामारी कर करीब 300 बोरा अवैध कोयला ज़ब्त भी किए थे और अवैध माइंस पर डोजरिंग चलाकर बंद करने के निर्देश भी दिए थे बावजूद अवैध माइंस खोलकर अवैध तरीके से कोयले का कटाई जारी था इससे यह स्पष्ट होता है कि बड़े पैमाने पर अवैध मुहाने कर कोयले की चोरी बदस्तूर जारी है और बीसीसीएल प्रबंधन इसे रोकने में असफल जबकि खनन टास्क फोर्स की बैठक में उपायुक्त ने बीसीसीएल प्रबंधन सहित सभी संबंधित अधिकारियों को छापामारी कर कोल तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं बावजूद ना ही कार्रवाई होती है और ना ही कोल तस्करों पर शिकंजा कसा जाता है।