Abdul Makki: हाफिज सईद के साले और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के उप प्रमुख हाफिज अब्दुल रहमान मक्की का शुक्रवार को लाहौर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। जेयूडी के अनुसार, मक्की कुछ दिनों से बीमार था और उसका इलाज लाहौर के एक निजी अस्पताल में हो रहा था।
दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत
जेयूडी के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मक्की को शुक्रवार सुबह हार्ट अटैक आया और उसने अस्पताल में आखिरी सांस ली। अधिकारी ने यह भी बताया कि उन्हें मधुमेह की बीमारी थी और इलाज के दौरान यह घटना हुई।
कौन था अब्दुल रहमान मक्की?
अब्दुल रहमान मक्की का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में हुआ था। वह हाफिज सईद के बेहद करीबी माना जाता था। मक्की ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा में कई पदों पर काम किया था। वह लश्कर की गवर्निंग बॉडी शूरा के सदस्य भी था और संगठन के लिए फंड जुटाने का काम करता था।
आतंकी हमलों से था नाम जुड़ा
भारतीय एजेंसियों ने मक्की को 2000 में लाल किले और 2008 में मुंबई के ताज होटल पर हुए आतंकी हमलों के लिए दोषी ठहराया था। अमेरिका ने 2010 में उन्हें ग्लोबल आतंकवादी घोषित कर दिया था।
2020 में, एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने मक्की को आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में छह महीने की सजा सुनाई थी। 2023 में, संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें वैश्विक आतंकवादी घोषित कर उनकी संपत्तियां जब्त कर लीं और उन पर यात्रा और हथियारों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया।
मक्की ने की थी भारत विरोधी बयानबाजी
मक्की अपने भारत विरोधी भाषणों के लिए कुख्यात था। 2017 में उसके बेटे ओवैद रहमान मक्की को जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने एक ऑपरेशन में मार गिराया था। मक्की पर तालिबान और अल-कायदा के शीर्ष नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध होने के भी आरोप थे।
मुंबई हमलों से था कनेक्शन
मक्की का नाम 26/11 मुंबई आतंकी हमलों से भी जुड़ा था। रिपोर्ट्स के अनुसार, उसने हमले के लिए आतंकियों को फंड मुहैया कराया था। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी और सेना की कार्रवाई में नौ आतंकी मारे गए थे।
पाकिस्तान मुताहिदा मुस्लिम लीग ने मक्की को पाकिस्तानी विचारधारा का बड़ा समर्थक बताया। जेयूडी के लिए काम करने के दौरान, मक्की ने संगठन की राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों को भी मजबूत किया।