डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का पहला स्पीकर चुना गया है। चरार-ए-शरीफ क्षेत्र से सात बार विधायक रह चुके राथर को विपक्षी दलों के चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद ध्वनि मत से स्पीकर चुना गया। इस प्रक्रिया का आयोजन प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने किया। कृषि मंत्री जावेद अहमद डार ने स्पीकर पद के लिए राथर के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे एनसी के विधायक रामबन अर्जुन सिंह राजू ने सत्र के पहले दिन समर्थन दिया।
अब्दुल रहीम राथर का संसदीय सफर और अनुभव
अब्दुल रहीम राथर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक अनुभवी नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। इससे पहले वह पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में अध्यक्ष की भूमिका निभा चुके हैं। 2002 से 2008 तक पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के दौरान वे विपक्ष के नेता भी रहे। राथर ने चरार-ए-शरीफ से 1977 में पहली बार विधायक के रूप में कदम रखा और इसके बाद लगातार 1983, 1987, 1996, 2002 और 2008 में विधायक चुने गए। हालांकि, 2014 में वह पीडीपी के गुलाम नबी लोन से हार गए थे, लेकिन हालिया चुनाव में पुनः निर्वाचित हुए हैं।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने दी राथर को बधाई
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राथर को स्पीकर चुने जाने पर बधाई दी और कहा कि सदन में उनकी तजुर्बे की सराहना होती है। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैं पूरे हाउस की तरफ से आपको मुबारक देता हूं। इस ओहदे के लिए आप स्वाभाविक पसंद थे और आपके चयन के खिलाफ किसी ने भी आवाज नहीं उठाई।” उन्होंने राथर की लम्बी सेवा को सराहते हुए कहा कि शेख अब्दुल्ला से लेकर वर्तमान समय तक राथर ने राज्य के हर मुख्यमंत्री के साथ काम किया है।
संसद की कार्यवाही में राथर के अनुभव से मिलेगी मजबूती
80 वर्षीय अब्दुल रहीम राथर का संसदीय अनुभव सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में मददगार साबित होगा। उनकी नियुक्ति से सदन में वरिष्ठता और निष्पक्षता बनी रहेगी। उम्मीद की जा रही है कि बतौर कस्टोडियन राथर पूरे सदन के सदस्यों की भलाई का ध्यान रखेंगे और विधानसभा की गरिमा को बनाए रखेंगे।
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