जिला में 30 जनवरी से 28 फरवरी तक चलाया जाएगा ‘सक्रिय कुष्ठ रोगी खोज अभियान चक्र’-2

Manju
By Manju
4 Min Read

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला में आगामी 30 जनवरी से 28 फरवरी 2022 तक सक्रिय कुष्ठ रोगी खोज अभियान चक्र-2 चलाया जाएगा।
जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ राजीव लोचन महतो ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटमदा में सहियाओं तथा सहिया साथी का कुष्ठ रोग सम्बन्धी उन्मुखीकरण किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम जिला में 30 जनवरी 2022 से 28 फरवरी 2022 तक जिला में छुपे हुए सक्रिय कुष्ठ रोगियों को खोजने के लिए सर्च अभियान चलाया जाएगा।इस अभियान में सहिया तथा एक पुरुष कार्यकर्ता टीम बनाकर डोर टू डोर जा कर व शारीरीक जांच के बाद अपने अपने संधारण पंजियों में जानकारी दर्ज करेंगे।सहिया घर के महिला सदस्यों की जांच करेंगे तथा पुरुष कार्यकर्ता पुरुष सदस्यों का जांच करने के बाद अपने अपने संधारण पंजियों में सभी लोगों का नाम, उम्र, पता आदि दर्ज करेंगे। इस अभियान की समाप्ति के बाद एएनएम व सीएचओ दो-चार घर भ्रमण कर सहिया के द्वारा किए गए कार्य की समीक्षा कर शत प्रतिशत स्क्रीनिंग रिपोर्ट प्रभारी को उपलब्ध कराएंगे। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा भी समीक्षा के बाद वह सर्टिफिकेट जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी को उपलब्ध कराऐगें।

पिछला सक्रिय कुष्ठ रोगी खोज अभियान 26 फरवरी से 15 मार्च 2021 तथा 1 सितंबर 2021 से 30 सितंबर 2022 तक चलाया गया, जिसमें कुष्ठ रोगियों की पहचान कर नि:शुल्क एमडीटी, एमसीआर चप्पलें तया सेल्फ केयर किट का वितरण किया गया। उसी प्रकार हमारे सहियाओं ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में चलाए गए सभी सर्वे के पहले चक्र में 50 कुष्ठ रोगियों तथा द्वितीय चक्र में 32 कुष्ठ रोगियों को खोज कर नि:शुल्क इलाज मुहैया कराया गया। पिछले तीन सालों में इस जिला में 270 मरीजों में 13 दिव्यांग मरीज, 538 मरीजों में 11 दिव्यांग मरीज, 283 कुष्ठ मरीजों में 12 दिव्यांग मरीज तथा इस साल अभी तक 83 नये कुष्ठ रोगियों में 6 दिव्यांग मरीजों की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले साल पूरे जिला में 283 कुष्ठ मरीज मिले जिसमें चाकुलिया में 37, बहरागोड़ा में 18, धलभूमगढ़ में 21, घाटशिला में 27, मुसाबनी में 16, डुमरिया में 20, पोटका में 54, जुगसलाई में 25, पटमदा में 21 तथा शहरी क्षेत्र में 44 मरीजों को खोज कर नियमित रूप से नि:शुल्क एमडीटी खिलाया गया। जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ राजीव लोचन महतो ने बताया कि कुष्ठ रोग का पिछले जन्म से कोई दूर-दूर तक संबंध नहीं होता हैं और न यह रोग छूने से फैलता है। इस रोग का जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरू करने से संभावित दिव्यांगता से बचा जा सकता है। कुष्ठ रोगी से भी सामान्य रोगी जैसा ही व्यवहार करना चाहिए। उन्हें भी समाजिक भेद-भाव खत्म कर हमारे त्योहारों तथा कार्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमें कुष्ठ रोग को भगाना हैं न कि कुष्ठ रोगियों को। जिले को कुष्ठ रोग से मुक्त करने के लिए सभी का सहयोग तथा साथ जरूरी है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *