‘आदि कर्मयोगी’ अभियान: गांवों का विकास, समाधान का मंत्र

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर ग्रामीण विकास और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल, ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के सफल संचालन के लिए जिला स्तरीय उन्मुखीकरण बैठक सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। समाहरणालय सभागार में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त (डीडीसी) नागेंद्र पासवान ने की। इसमें कल्याण, समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) उपस्थित थे। इस अभियान के तहत 28 से 30 अगस्त तक सिगदोड़ा टाउन हॉल में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तावित है।

अभियान का उद्देश्य: ग्राम स्तर पर समाधान आधारित पहल

​उप विकास आयुक्त ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदायों, विशेषकर आदिवासी समुदायों की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक समाधान-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना है। गांवों में ‘आदि कर्मयोगी केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे, जहां नोडल अधिकारी का नाम और संपर्क विवरण उपलब्ध होगा, जिससे ग्रामीण अपनी समस्याओं को सीधे प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक गांव अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर ही विकास योजनाएं तैयार करेगा और इसके लिए विभागीय संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए अभिसरण बहुत जरूरी है।

योजना के तीन चरण और सामुदायिक भागीदारी

​यह अभियान गांवों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए तीन चरणों में विभाजित किया गया है। इन चरणों में ग्राम पंचायत के सचिव, स्वयंसेवक और स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।

  1. आदि सहयोगी: शिक्षक, डॉक्टर और अन्य पेशेवर इस चरण में मार्गदर्शन देंगे।
  2. आदि साथी: स्वयं सहायता समूह, महिला मंडल, बुजुर्ग, युवा और जनप्रतिनिधि कार्यान्वयन में सहयोग करेंगे।
  3. कर्मयोगी: स्थानीय समुदाय के सक्रिय कार्यकर्ता इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे।

​इस योजना को डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीणों को विभिन्न सेवाएं और योजनाओं की जानकारी एक ही जगह पर मिल सकेगी। यह कदम ग्रामीण विकास और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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