2 वर्ष बाद झारखंड राज्य में रामनवमी और सरहुल पर्व के दौरान शोभायात्रा निकालने की मिली मंजूरी

Uday Kumar Pandey
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मिरर मीडिया रांची : 2 वर्षों के लंबे कोरोना काल के बाद आखिरकार झारखंड सरकार ने राज्य में सरहुल एवं रामनवमी के जुलूस को निकालने की अनुमति दे दी है। इस बार कोविड-19 की कुछ पाबंदियों के साथ शोभायात्रा निकालने की अनुमति राज्य सरकार ने दी है।

बता दें कि 4 अप्रैल को सरहुल और 10 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार है। दोनों त्योहारों में शोभायात्रा निकाली जाती है। सरहुल एवं रामनवमी की शोभायात्रा को निकालने की मांग इस वर्ष बजट सत्र के दौरान कई विधायकों ने की थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। विभाग ने बुधवार को अधिसूचना निकालकर रामनवमी एवं सरहुल के जुलूस को निकालने की अनुमति दे दी गई है।

👉गाईड लाइन के कुछ अंश

👉धार्मिक जुलूस में व्यक्तियों की संख्या 100 से अधिक नहीं होगी

👉यदि एक स्थान पर अनेक जुलूस एकत्रित होते हैं या जुलूस के स्वागत के लिए व्यवस्था की जाती है तो परिणामी मण्डली में अनुमत व्यक्तियों की संख्या 1000 (एक हजार) से अधिक नहीं होगी।

👉धार्मिक जुलूस शाम 6 बजे से पहले समाप्त होगा।

👉पहले से रिकॉर्ड किया गया संगीत या डीजे बजाना प्रतिबंधित है।

👉धार्मिक जुलूस के सभी सदस्य बिना किसी अपवाद के हर समय अपने हाथों को साफ करेंगे और मुंह और नाक को पूरी तरह से ढककर मास्क पहनेंगे।

👉धार्मिक जुलूस ऊपर उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार ही जिला मजिस्ट्रेट या इस संबंध में उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी की पूर्व सहमति से ही निकाले जाएंगे।

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मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।
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