डिजिटल कार्ड। मिरर मीडिया: झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर विवाद गहराता जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाद अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी भाकपा माले भी हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से नाराज है। भाकपा माले ने सीट बंटवारे पर असहमति जताते हुए झामुमो को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। माले नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, हमने अपनी मांगें महागठबंधन के सामने रख दी हैं, अगर उन पर विचार नहीं किया गया तो भाकपा माले स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी।
भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन की एकजुटता जरूरी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाकपा माले के नेताओं ने कहा कि उनकी प्राथमिकता भाजपा को हराना है और इसके लिए महागठबंधन के सभी दलों का एक साथ चुनाव लड़ना जरूरी है। माले ने बताया कि उनकी 13 सीटों पर मजबूत तैयारी है, लेकिन भाजपा को हराने के लिए वे समझौता करने को तैयार हैं।हमने झामुमो से सिर्फ 8 सीटों की मांग की है, जिनमें पांकी, मांडू, झरिया, सिंदरी, निरसा, बगोदर, धनवार, और जमुआ शामिल हैं।
5 सीटों से कम पर नहीं करेंगे समझौता
भाकपा माले के नेताओं ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी सूरत में 5 सीटों से कम पर समझौता नहीं करेंगे। इनमें सिंदरी, निरसा, बगोदर, धनवार और जमुआ सीटें शामिल हैं। नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो माले महागठबंधन से अलग होकर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
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