डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 19 में रविवार को हुए अग्निकांड की घटना के बाद सोमवार को पुलिस, प्रशासन और अग्निशमन विभाग की टीम ने क्षेत्र में छापेमारी की। इस दौरान त्रिवेणी मार्ग पर स्थित एक बड़े रेस्टोरेंट में 55 व्यावसायिक गैस सिलेंडरों का अवैध भंडारण पाया गया। सभी सिलेंडर भरे हुए थे और उनके कोई वैध कागजात नहीं मिले। प्रशासन ने सिलेंडरों को जब्त कर लिया और रेस्टोरेंट संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया। साथ ही गैस एजेंसी संचालक को भी कड़ी चेतावनी दी गई।
फूड जोन और बड़े पंडालों में जांच जारी
फूड जोन, फूड कोर्ट और अन्य रेस्टोरेंट्स में भी छापेमारी की गई। त्रिवेणी मार्ग स्थित रेस्टोरेंट में सिलेंडर अवैध रूप से एक गोदाम में रखे गए थे। उप निदेशक अग्निशमन विभाग ने बताया कि अब क्षेत्र में प्रतिदिन जांच की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
अग्निकांड की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू, पीड़ितों के बयान दर्ज
महाकुंभ मेला के सेक्टर 19 में लगी आग की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गई है। जांच अधिकारी और सेक्टर मजिस्ट्रेट शिवेंद्र वर्मा ने राजस्व, अग्निशमन और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पड़ताल की। उन्होंने आग लगने के कारण, जलने वाले टेंट की संख्या और हुए नुकसान का आकलन किया। अग्निशमन विभाग ने अलग से आग लगने के कारणों की जांच की, जिसमें प्रथम दृष्टया सिलेंडर लीकेज से आग लगने की बात सामने आई।
प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी: आग का मंजर और भगदड़
आग के दौरान मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने भयावह मंजर का वर्णन किया। गोरखपुर निवासी देवेंद्र तिवारी ने बताया कि वह आग से लगभग 200 मीटर दूर थे, जब अचानक उन्होंने उड़ती हुई चिंगारी और फिर आग की लपटों को देखा। लोग अपने टेंट से गैस सिलेंडर और अन्य सामान बाहर निकालने लगे। तभी सिलेंडरों के फटने की आवाजें आने लगीं, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की तत्परता से हालात पर जल्द ही काबू पा लिया गया।
अग्निकांड से सतर्कता और जांच बढ़ी
महाकुंभ मेला क्षेत्र में हुई इस घटना ने सुरक्षा तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और सिलेंडर भंडारण पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। आग से बचे लोगों और अधिकारियों की सक्रियता ने बड़ी जनहानि होने से रोक ली, लेकिन यह घटना सुरक्षा मानकों को दुरुस्त करने की आवश्यकता पर जोर देती है।