Homeदेश'वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर मोदी सरकार की मुहर के बाद देश...

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर मोदी सरकार की मुहर के बाद देश में मचा सियासी बवाल, कांग्रेस और ओवैसी ने किया विरोध

डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया:मोदी सरकार ने देश में एक साथ चुनाव कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद अब केंद्र सरकार इसे संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है। शीतकालीन सत्र में यह विधेयक संसद में लाया जाएगा।

यह समिति पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित की गई थी, जिन्होंने इसी साल 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने की सिफारिश की गई थी, और यह रिपोर्ट 18,626 पृष्ठों की है।

कांग्रेस और ओवैसी का कड़ा विरोध

कांग्रेस ने इस फैसले का सख्त विरोध जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के साथ नहीं हैं। लोकतंत्र के लिए यह व्यवस्था सही नहीं हो सकती। हमारा लोकतंत्र तभी जीवित रह सकता है जब चुनाव समयानुसार और आवश्यकतानुसार कराए जाएं।”

वहीं, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संघवाद को नष्ट करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है। ओवैसी ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ इसलिए कि मोदी और शाह को हर चुनाव में प्रचार करने की जरूरत होती है, इसका यह मतलब नहीं है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं। ओवैसी का मानना है कि अलग-अलग चुनाव होने से लोकतांत्रिक जवाबदेही बढ़ती है और इससे जनता को समय-समय पर सरकारों का मूल्यांकन करने का मौका मिलता है।

क्या है ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का महत्व

मोदी सरकार लंबे समय से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की वकालत कर रही है। इसके तहत लोकसभा, विधानसभा और अन्य निकाय चुनावों को एक साथ कराने का प्रावधान होगा। सरकार का तर्क है कि इससे समय और धन की बचत होगी और चुनावों के कारण होने वाले राजनीतिक अस्थिरता से बचा जा सकेगा।

इस प्रस्ताव पर देशभर में अलग-अलग विचार आ रहे हैं। जहां कुछ इसे सुशासन की दिशा में उठाया गया कदम मानते हैं, वहीं कई विपक्षी दल इसे लोकतंत्र के खिलाफ मानते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।

  • खबरें और भी हैं mirrormedia.co.in पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं, आप हमसे जुड़ सकते हैं Facebook, Instagram, X अपने सुझाव या खबरें हमें mirrormedia2019@gmail.com पर भेजें।
mirrormedia
mirrormediahttps://mirrormedia.co.in
Mirror media digital laboratory Pvt. Ltd. Established February 2019. It is a Social Website channel Releted to News From all over india and Abroad with Reflection of truth. Mirror media is Connecting the people 24x7 and show all news and Views

Most Popular