नेपाल में ओली के इस्तीफे के बाद काठमांडू की सड़कों पर सन्नाटा : हिंसा थमी : सेना ने संभाली कमान

KK Sagar
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काठमांडू। पड़ोसी देश नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगाने के फैसले ने बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को शायद अंदाजा भी नहीं था कि उनके इस कदम का नतीजा इतना भयानक होगा। युवाओं, खासकर Gen Z के विरोध-प्रदर्शन ने ओली सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया।

हिंसक प्रदर्शनों के दौरान संसद भवन तक आग के हवाले हो गया। मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ गुस्सा इतना भड़क उठा कि देशभर में बवाल मच गया। हालात बिगड़ने पर नेपाल की सेना मोर्चे पर आ गई है और आमलोगों से संयम बरतने व बातचीत के लिए आगे आने की अपील कर रही है।

भारत-नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट

नेपाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत ने भी सुरक्षा कड़ी कर दी है। भारत-नेपाल बॉर्डर पर UP पुलिस, बिहार पुलिस और SSB (सशस्त्र सीमा बल) के जवान चौकसी में जुटे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और उपद्रवियों पर नजर रखने का अलर्ट जारी किया गया है।

काठमांडू बना ज्वालामुखी

राजधानी काठमांडू जल रहा है। हर जगह सेना की तैनाती की गई है। हालात गंभीर देखते हुए त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 10 सितंबर दोपहर 12 बजे तक बंद कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें पूरी तरह ठप हो गई हैं।

गिरफ्तारियां और कर्फ्यू

नेपाली सेना ने मंगलवार रात से लूटपाट में शामिल 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। 9 सितंबर 2025 को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद 10 सितंबर का दिन शांत रहा। हालांकि, देशभर में कर्फ्यू लागू है और लोगों को घरों से बाहर न निकलने की अपील की गई है।

ओली का इस्तीफा

कथित भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन को लेकर भड़के प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने 9 सितंबर को इस्तीफा दे दिया। अब वे सुरक्षा बलों की निगरानी में हैं। वहीं, Gen Z का कहना है कि –

“हमारे देश से भ्रष्ट नेता भाग गए, अब हमें नया नेता चाहिए।”

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