झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। इंडिया गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे पर मंथन जोरों पर है। गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस, राजद और माले जैसी पार्टियां शामिल हैं, जो अपने-अपने हिस्से की सीटें पक्की करने में जुटी हुई हैं।
गठबंधन की 51 सिटिंग सीटें, बंटवारा लगभग तय
गठबंधन के पास 51 सिटिंग सीटें हैं, जिन पर कोई विवाद नहीं है। इनमें माले की बगोदर सीट, प्रदीप यादव की पौड़ैयाहाट सीट, और पूर्व भाजपा विधायक जेपी पटेल की मांडू सीट भी शामिल हैं। जिन सीटों पर गठबंधन दल पिछली बार दूसरे स्थान पर रहे थे, उन पर अभी भी निर्णय लंबित है। इसमें कुछ सीटों की अदला-बदली की भी संभावना है।
18 अक्टूबर को कांग्रेस की बैठक, सीट शेयरिंग पर फैसला
सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लेने के लिए 18 अक्टूबर को रांची में प्रदेश कांग्रेस इलेक्शन समिति की बैठक होगी। इस बैठक की रिपोर्ट और सीट शेयरिंग का खाका लेकर प्रदेश नेतृत्व दिल्ली जाएगा, जहां से केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी ली जाएगी।
माले को मिल सकती हैं तीन सीटें, राजधनवार पर खींचतान
माले को झामुमो और कांग्रेस अपने कोटे से दो से तीन सीटें देने पर सहमत हो सकते हैं। इनमें बगोदर और निरसा सीटें शामिल हैं। माले ने राजधनवार और सिंदरी की सीटें भी मांगी हैं, लेकिन इन पर खींचतान की स्थिति बनी हुई है। संभावना है कि राजधनवार सीट माले को मिल सकती है, लेकिन इसे लेकर अब भी चर्चा जारी है।
2019 के आंकड़े से झामुमो और कांग्रेस की मजबूत पकड़
2019 में झामुमो ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 30 सीटों पर उसे जीत हासिल हुई। कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें 16 सीटें जीतीं। बाद में झाविमो के दो विधायक, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की, कांग्रेस में शामिल हो गए, जिससे कांग्रेस की सीटें बढ़कर 18 हो गईं। हालांकि रामगढ़ की सीट ममता देवी के जेल जाने के बाद गंवानी पड़ी, लेकिन मांडू सीट से जेपी पटेल गठबंधन के हिस्से में आ गए थे।
राजद की मुश्किलें : सीटों पर विवाद
राजद की स्थिति चुनौतीपूर्ण दिख रही है। 2019 में राजद ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से उसे केवल एक सीट पर जीत मिली थी। राजद उन सीटों पर दावा कर रहा है, जहां वह दूसरे स्थान पर रहा था, और इन्हें छोड़ने की संभावना कम है। ऐसे में राजद की सीटों को लेकर खींचतान हो सकती है।
सीटों की अदला-बदली : कई सीटों पर नजर
झामुमो और कांग्रेस के बीच कुछ सीटों की अदला-बदली हो सकती है। भवनाथपुर सीट, जो पिछली बार कांग्रेस ने लड़ी थी, इस बार झामुमो मांग रहा है। चंदनक्यारी सीट पर भी विवाद है, जहां भाजपा ने अपने सिटिंग विधायक अमर बाऊरी को हटाने से मना कर दिया है, और झामुमो इस सीट पर नजर गड़ाए हुए है। इसके अलावा, रांची और सिल्ली सीटें भी कांग्रेस मांग रही है।
सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय के बाद परिदृश्य स्पष्ट
झारखंड चुनाव में गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर घमासान जारी है। 18 अक्टूबर की बैठक के बाद सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला होगा, जिसके बाद ही यह तय होगा कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान कर दिया है। जिसके तहत राज्य में विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए मतदान 13 नवंबर और 20 नवंबर को होगा, जबकि चुनावी नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
पहला चरण: 13 नवंबर को 41 सीटों पर मतदान
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 13 नवंबर को कुल 41 सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, हजारीबाग, सिमरिया, चतरा, बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, ईचागढ़, सरायकेला, चाईबासा, मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसांवा, तमाड़, तोरपा, खूंटी, रांची, हटिया, कांके, मांडर, सिसई, गुमला, विशुनपुर, सिमडेगा, कोलेबिरा, लोहरदगा, मनिका, लातेहार, पांकी, डालटेनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर विधानसभा सीटें शामिल हैं।
दूसरा चरण: 20 नवंबर को 40 सीटों पर मतदान
दूसरे चरण के तहत 20 नवंबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान किया जाएगा। इनमें राजमहल, बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, मधुपुर, सारठ, देवघर, पौड़ेयाहाट, गोड्डा, महगामा, रामगढ़, मांडू, धनवार, बगोदर, जमुआ, गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी, बाघमारा, सिल्ली और खिजरी विधानसभा सीटें शामिल हैं।