मिरर मीडिया : झारखंड के राज्यपाल के बाद अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिठ्ठी लिख कर भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है। पत्र के बाद अब इसपर राजनीति शुरू हो गई है।
इधर चिठ्ठी के बाद विपक्ष लगातार हमलावर है और उन्हें मानसिक दिवालियापन बता रहें हैं। जबकि इस तरह कर के सुर्खियों में बने रहने की बात कही है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखकर राज्य के सरकारी अधिकारियों के आचरण को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा, झारखंड के मुख्य सचिव कार्यालय को केन्द्रीय जांच एजेंसियों की ओर से कार्रवाई के मामले में गुमराह करने का आरोप लगाया जा रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने लिखा झारखंड के शीर्ष अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इस पर मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग भी की गई है लेकिन उन्होंने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। स्वीकृति भी नहीं दी है, यह एक बड़ी चिंता का विषय है कि मुख्य सचिव ने चुप्पी साध रखी है। इससे स्पष्ट होता है कि है कि ठोस सबूतों के बावजूद शीर्ष अधिकारियों को बचाने के लिए यह बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है।
उन्होंने लिखा है कि ऐसा पिछले सालभर से हो रहा है जब जांच एजेंसियों के द्वारा राज्य के शीर्ष अधिकारियों के भ्रष्टाचार में शामिल होने के पर्याप्त सबूत प्रदान किए जाते हैं और उनके खिलाफ कोई जानकारी मांगी जाती है या कार्रवाई की मांग की जाती है, तो मुख्य सचिव स्तर से किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जाती है, जो चिंता का विषय है। बाबूलाल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई करेंगे।