अखिलेश का दिवाली पर ‘क्रिसमस ज्ञान’, सियासत में मची रोशनी की जंग!

KK Sagar
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने दिवाली उत्सव की तुलना दुनिया भर में मनाए जाने वाले क्रिसमस से कर दी, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त विवाद खड़ा हो गया है।

एक सभा को संबोधित करते हुए यादव ने कहा—

“मैं कोई सुझाव नहीं देना चाहता, लेकिन भगवान राम के नाम पर एक सुझाव दूंगा। दुनिया भर में क्रिसमस के दौरान सभी शहर जगमगा उठते हैं, और यह महीनों तक चलता रहता है। हमें उनसे सीखना चाहिए। हमें दीयों और मोमबत्तियों पर इतना पैसा क्यों खर्च करना पड़ता है और इसके लिए इतना सोचना क्यों पड़ता है? इस सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है? इसे हटाना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि और भी खूबसूरत रोशनियां हों।”

यादव के इस बयान के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला है।


🔸विहिप ने कहा – “दीयों की कतारों ने जला दिया दिल”

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा—

“जरा सुनिए, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवाली के मौके पर क्रिसमस की तारीफ कर रहे हैं। दीयों की कतारों ने उनका दिल इतना जला दिया है कि वे एक अरब हिंदुओं को उपदेश दे रहे हैं कि दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा बर्बाद मत करो, क्रिसमस से सीखो।”

बंसल ने यादव पर भारतीय संस्कृति की जगह विदेशी परंपराओं का महिमामंडन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि,

“जब ईसाई धर्म का अस्तित्व भी नहीं था, तब से दिवाली रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाई जा रही है। अब हिंदू समाज को ईसाइयों से सीखने की सलाह देना शर्मनाक है।”

बंसल ने आगे कहा—

“अयोध्या की रौनक और हिंदुओं की खुशहाली से इन्हें जलन हो रही है। शायद इसी कारण लोग सपा को ‘असमाजवादी पार्टी’ कहते हैं।”


🔸भाजपा ने भी साधा निशाना – “सनातन विरोधी मानसिकता”

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा—

“यह सनातन-विरोधी माहौल है। जो पार्टी राम मंदिर आंदोलन का विरोध करती रही, जिसने अयोध्या को अंधेरे में रखा और राम भक्तों पर हमले करवाए, वही अब दीपोत्सव की सजावट का विरोध कर रही है।”

पूनावाला ने कहा कि सपा हमेशा हिंदू परंपराओं को कमजोर करने की कोशिश करती रही है।


🔸अयोध्या में दीपोत्सव की धूम

इधर, अयोध्या में सरयू नदी के 56 घाटों पर आयोजित होने वाले भव्य दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि इस बार 31 लाख से अधिक मिट्टी के दीये जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाए।
पिछले साल यह रिकॉर्ड 25.12 लाख दीयों के साथ दर्ज हुआ था।

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