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JSSC CGL परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप, राज्यपाल ने जांच के दिए आदेश, धनबाद का भी मामला आया सामने

डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड में आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए अनियमितता के आरोपों की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) को पत्र लिखकर इन आरोपों की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। राज्यपाल ने यह आदेश तब दिया जब अभ्यर्थियों ने उन्हें सौंपे गए ज्ञापन में परीक्षा से संबंधित कई गंभीर आरोप लगाए थे।

अभ्यर्थियों ने परीक्षा में अनियमितताओं के दिए सबूत

बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात के दौरान अभ्यर्थियों ने 21 और 22 सितंबर को आयोजित इस परीक्षा में कई अनियमितताओं की शिकायत की। अभ्यर्थियों का आरोप है कि 22 सितंबर को हुई परीक्षा में गणित और तर्कशक्ति के 20 प्रश्नों में से 16 प्रश्न, पहले आयोजित वर्ष 2018 और 2022 की कर्मचारी चयन आयोग की स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में भी पूछे गए थे।

अभ्यर्थियों ने यह भी दावा किया कि 21 सितंबर को हुई परीक्षा में तर्कशक्ति के 17 प्रश्न हूबहू 28 अगस्त 2016 की स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा से उठाए गए थे। इसके अलावा, कुछ केंद्रों के बाहर छात्रों द्वारा फोन पर उत्तर लिखने की घटनाओं की भी शिकायत की गई है, जिनकी जांच की मांग की गई है।

धनबाद के परीक्षा केंद्र पर भी गड़बड़ी की शिकायत

धनबाद के कुमार बीएड कॉलेज के बाहर एक छात्र द्वारा उत्तर लिखने की घटना की भी शिकायत की गई है। अभ्यर्थियों ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि इन सभी शिकायतों की गहराई से जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

आयोग ने किया गड़बड़ी से इनकार

प्रश्नों के दोहराए जाने के आरोपों पर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने सफाई दी है कि ऐसा संभव है क्योंकि प्रश्नपत्रों का चयन छह अलग-अलग प्रश्नपत्रों में से रैंडम तरीके से किया जाता है। आयोग ने किसी भी तरह की गड़बड़ी या अनियमितता से इनकार किया है, लेकिन अभ्यर्थियों द्वारा उठाए गए सवालों के मद्देनजर जांच के आदेश दिए गए हैं।

झामुमो ने राज्यपाल के आदेश पर दी प्रतिक्रिया

सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने राज्यपाल के इस आदेश पर कहा है कि कर्मचारी चयन आयोग ने पहले ही इन आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और सभी साक्ष्यों की जांच कर रहा है। फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। झामुमो ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक अधिकारों का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इस संवेदनशील मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

झामुमो ने यह भी कहा कि राज्यपाल और चुनाव आयोग दोनों ही राज्य का दौरा कर रहे हैं और सभी राजनीतिक दलों से संवाद स्थापित किया गया है। जनता के पास भी अधिकार है, और यदि राजनीति से प्रभावित करने की कोशिश की जाती है, तो वह उचित प्रतिक्रिया देगी।

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