इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा, जो 3 जुलाई से 9 अगस्त तक 38 दिनों की अवधि में आयोजित की जाएगी, को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर पर सुदृढ़ किया गया है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र, केंद्र सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं।
🔐 सुरक्षा के प्रमुख प्रबंध:
581 CAPF कंपनियाँ तैनात: लगभग 58,000 सुरक्षाकर्मी, जिनमें CRPF, BSF, ITBP, CISF और SSB शामिल हैं, यात्रा मार्गों पर तैनात रहेंगे।
ड्रोन और K9 यूनिट्स: ड्रोन द्वारा हवाई निगरानी और प्रशिक्षित स्निफर डॉग्स द्वारा विस्फोटक पदार्थों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी।
जैमर और एस्कॉर्ट वाहन: यात्रा काफिलों के साथ जैमर और एस्कॉर्ट वाहन तैनात किए जाएंगे ताकि किसी भी संचार या विस्फोटक खतरे को रोका जा सके।
क्विक एक्शन टीम और बम डिफ्यूजल स्क्वॉड: आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए विशेष टीमें और बम निष्क्रिय करने वाली इकाइयाँ सक्रिय रहेंगी।
डिजिटल पहचान और निगरानी: हर यात्री और पोनी राइडर के लिए डिजिटल पहचान पत्र अनिवार्य किया गया है, जिससे उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।
📍 मार्ग और यातायात प्रबंधन:
सड़क मार्गों की सुरक्षा: यात्रा के दौरान सभी नेशनल हाईवे से जुड़े अप्रोच रूट्स को अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा।
संयुक्त पुलिस कंट्रोल रूम (PCR): यात्रा मार्गों पर संयुक्त PCR वाहन तैनात रहेंगे, जो किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करेंगे।
🗓️ यात्रा की अवधि:
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा की अवधि को घटाकर 38 दिन कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष की 52 दिनों की अवधि से कम है। यह निर्णय सुरक्षा कारणों और तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
🧘♂️ श्रद्धालुओं के लिए निर्देश:
आयु सीमा: 13 वर्ष से कम और 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
गर्भवती महिलाओं की अनुमति: गर्भवती महिलाओं को यात्रा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि श्रद्धालु बिना किसी भय और बाधा के पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा कर सकें। सभी तीर्थयात्रियों से अनुरोध है कि वे निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करें और यात्रा के दौरान सतर्क रहें।
अधिक जानकारी और पंजीकरण के लिए, कृपया श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।