आज 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे के अवसर पर आकाश में एक दुर्लभ खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद कुछ ही मिनटों के लिए सौरमंडल के सातों ग्रह—मंगल, बृहस्पति, यूरेनस, शुक्र, नेपच्यून, बुध और शनि—एक साथ चमकते हुए नजर आएंगे। यह दुर्लभ खगोलीय घटना 2040 से पहले दोबारा नहीं होगी।
कैसे और कब दिखेंगे सातों ग्रह?
खगोलविदों का कहना है कि बुध, शुक्र, बृहस्पति और मंगल को आप खाली आंखों से देख सकते हैं, जबकि यूरेनस और नेपच्यून को देखने के लिए टेलीस्कोप की जरूरत होगी। शुक्र और बृहस्पति सबसे चमकीले होंगे, जिन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है, जबकि मंगल अपनी लालिमा के कारण अलग नजर आएगा। शनि क्षितिज के बेहद करीब होगा, इसलिए इसे देखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
इस तरह के ग्रहों के संरेखण को “प्लैनेटरी परेड” कहा जाता है, जब ये सभी ग्रह एक खास कोण पर आ जाते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि वे एक सीध में हैं। हालांकि, असल में ये अरबों किलोमीटर की दूरी पर होते हैं।
ग्रहों को देखने का सही समय और स्थान
- सूर्यास्त के कुछ ही मिनटों बाद बुध और शनि क्षितिज से नीचे चले जाएंगे, इसलिए इन्हें देखने का समय सीमित होगा।
- शुक्र, बृहस्पति और मंगल को आप देर तक देख सकते हैं।
- सबसे बेहतर अनुभव के लिए किसी खुले मैदान या ऊंचे स्थान पर जाएं, जहां क्षितिज साफ दिखाई दे।
- शहर की रोशनी से दूर रहना बेहतर होगा ताकि रोशनी की बाधा कम हो।
- फोन स्क्रीन से बचें, क्योंकि आंखों को अंधेरे में ढलने में करीब 30 मिनट लगते हैं।
दुर्लभ खगोलीय घटना, अगली बार 2040 में
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह का खगोलीय संयोग बहुत दुर्लभ होता है। इस बार यदि आप इसे देखने से चूक गए तो अगली बार 2040 में ऐसा मौका मिलेगा। इसलिए, नेशनल साइंस डे पर यह अद्भुत खगोलीय नजारा देखने का अवसर न गंवाएं और इस अनोखी घटना का पूरा आनंद लें।